नईदिल्ली: कोहिनूर इमारत मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे से ईडी 80 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के बारे में जानना चाहती थी. पूछताछ के दौरान कई सवाल इसी के इर्द गिर्द घूमते रहे. आपको बता दें जिस साल आईएलएंडएफएस ने 90 करोड़ रुपये में अपने शेयर सरेंडर किए थे उसी साल राज ठाकरे भी कंसोर्टियम से बाहर आ गए थे. आपको बता दें ईडी ने गुरुवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे से करीब साढ़े आठ घंटे तक पूछताछ की थी.
421 करोड़ में खरीदी 4.8 एकड़ जमीन
राज ठाकरे और उनके बिजनेस पार्टनर राजन शिरोडकर की मातोश्री इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी थी. मातोश्री इंफ्रास्ट्रक्चर, उन्मेश जोशी (मनोहर जोशी के बेटे) और ILFS ने कोहिनूर CTNL बनाकर कोहिनूर मिल की 4.8 एकड़ जमीन 421 करोड़ रुपये में खरीदी. ILFS ने 225 करोड़ रुपये निवेश किया था. लेकिन साल 2008 में 90 करोड़ में अपने शेयर बेचकर ILFS कंपनी से जबरदस्त घाटे के साथ बाहर आ गई.
जरूरत पड़ने पर फिर बुला सकती है ईडी
इसके तुरंत बाद राज ठाकरे की मातोश्री इंफ्रा भी इस कोहिनूर CTNL कंसोर्टियम से प्रॉफिट के साथ बाहर आ गई. ईडी को जांच में पता चला कि ILFS से मिले पैसे में से 80 करोड़ रुपये कोहिनूर CTNL ने मातोश्री इंफ्रा को डाइवर्ट कर दिए. ईडी को शक है कि उस 80 करोड़ में से 20 करोड़ राज ठाकरे को डाइवर्ट हुए है. ईडी ने शुक्रवार को राज ठाकरे को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर फिर से बुलाया जा सकता है.
Bureau Report
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