नासिक: पिछले महीने में हुई भारी बरसात और बाढ़ के कारण प्याज को नुकसान हुआ है. इससे पहले नासिक और उत्तर महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति के कारण करीब प्याज लगभग डेढ़ से 2 महीने तक देरी से मार्केट में आने की संभावना है. बात साफ है इसके कारण प्याज के दाम बढ़े हैं. प्याज के दाम बढ़ना जारी रहा तो केंद्र सरकार नाफेड (NAFED) द्वारा 50 हजार मिट्रिक टन प्याज मार्केट में लाएगी. जिसके कारण आवक बढ़ेगी और प्याज के दाम नियंत्रित करने में आसानी होगी.
पिछले साल भी 14 हजार मिट्रिक टन प्याज नाफेड (NAFED) ने खरीद था. इस साल यह टार्गेट 50 हजार मिट्रिक टन का है. प्याज के दाम बढ़ने पर ग्राहक परेशान होते हैं और प्याज के दाम गिरने पर किसान. ऐसे में व्यापारी प्याज की जमाखोरी करते हैं जिसके कारण भी बाजार में प्याज की किल्लत होती है. दाम बढ़ते हैं. यह रोकने के लिए केंद्र सरकार नाफेड (NAFED) द्वारा मार्केट में प्याज बड़ी मात्रा में लाने की कोशिश में है जिससे बढ़ते दाम संतुलित रह सके.
अभी जो प्याज के दाम बढ़े हुए नजर आ रहे हैं उसका सबसे बड़ा कारण बाढ़ है. पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ के कारण नदी किनारे पर जो प्याज की खेती है वह पूरी तरह तबाह हो चुकी है. इससे पहले बारिश नहीं थी तो खरीफ प्याज की खेती वैसे भी देरी से शुरू हुई. नया प्याज आने में देर होगा. जो दाम बढ़ने के कारण है. ऐसी स्थिति में ग्राहक और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पिछले साल 14 हजार मिट्रिक टन प्याज केंद्र सरकार ने नाफेड (NAFED) द्वारा खरीदी थी. अबकी बार 50 हजार टन प्याज खरीदा जाएगा. जहां पर भाव बढ़ते जा रहे हैं वहाँ पर यह प्याज भेजा जाएगा. जिससे भाव नियंत्रण में रहेगा. व्यापारियों द्वारा जमाखोरी करने के कारण भाव बढ़ने की स्थिति अब नहीं होगी, जिससे ग्राहकों को राहत मिलेगी.
Bureau Report
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