नईदिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत मंगलवार को कई गुना बड़ गई. दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में गिने जाने वाले माने जाने वाले 8 अपाचे (Apache) AH-64 E) वायुसेना में शामिल हो गए हैं. इन 8 हेलीकॉप्टरों को पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया गया है. आखिर पठानकोट एयरबेस में ऐसा क्या है जो यहां अपाचे जैसे अतिमहत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर यहां तैनात किए गए हैं.
दरअसल यह एयरबेस भारत-पाकिस्तान सीमा पर सबसे अहम एयरबेस माना जाता है. पठानकोट एयरबेस लगातार पाकिस्तान के निशाने पर रहा है. जनवरी 2016 में इस एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था. सुरक्षाबलों ने एयरबेस को नुकसान पहुंचाने की आतंकियों की कोशिश को नाकाम कर दिया था.
इतना ही नहीं 1965 और 1971 की लड़ाई में भी पठानकोट एयरबेस पर हवाई हमला हुआ था. इस एयरबेस की वजह से पाकिस्तान ने सियालकोट में टैंक भी तैनात किए हैं. गौरतलब है कि सियालकोट पठानकोट के पास सीमा पर पाकिस्तान में स्तथित है.
गौरतलब है कि मंगलवार को पठानकोट एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की मौजदूगी में पूजा अर्चना के बाद अपाचे हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. इस मौके पर वायुसेना के वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार भी मौजूद रहे. भारतीय वायुसेना में शामिल होने से पहले पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई.
इसके पहले अपाचे हेलीकॉप्टर को कैनन सेल्यूट भी दिया गया.भारतीय वायुसेना के पीआरओ अनुपम बनर्जी ने बताया, ‘यह भारतीय वायुसेना में इस एयरक्राफ्ट का सेरोमोनियल इंडक्शन है. अभी तक हमारे पास 8 एयरक्राफ्ट हैं. 22 विमान चरणबद्ध तरीके से आएंगे और सभी को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा. हमने पहले भी हेलीकॉप्टर पर हमला किया था, लेकिन यह विमान बहुत सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता है.’
1. अपाचे (Apache) से फायर किया जाने वाला हेलीफायर मिसाइल, जो 6 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य पर अचूक निशाना लगा सकती है. हेलीफायर मिसाइल का हमला इतना सटीक है कि खराब मौसम में भी ये दुश्मन पर सही निशाना लगाती है. इस मिसाइल की वजह से ही अपाचे को टैंक का सबसे बड़ा शिकारी माना जाता है.
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2. अपाचे (Apache) में रोशनी और अंधेरे में एक समान ताकत से लड़ने की योग्यता. इसमें लगे कैमरे रात के अंधेरे में भी दोस्त और दुश्मन की पक्की पहचान कर सकते हैं. अगर टैंक छिपने की कोशिश करे तो भी उसके इंजन की गर्मी अपाचे (Apache) के कैमरे को अपना पता बता देती है. और इसके बाद टैंक को खत्म करना बटन दबाने जितना आसान है.
3. दुश्मन के खिलाफ पहला हमला कम से कम वक्त में करना अपाचे की तीसरी विशेषता है. अपाचे (Apache) के पायलट जिस तरफ देखते हैं, उसमें लगी ऑटोमेटिक गन उसी दिशा में घूम जाती है. अपाचे (Apache) में हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट भी हैं, जो 8 किलोमीटर तक टारगेट को तबाह करने की गारंटी देते हैं.
4. इसका फायर कंट्रोल रडार एक साथ 256 लक्ष्य पर नज़र रख सकता है.
5. दुश्मन की मिसाइलों से बचने के लिए अपाचे (Apache) में फ्लेर (Flare) लगा होता है. दुश्मन की मिसाइल हेलिकॉप्टर के इंजन की गर्मी का पीछा करके हमला करती हैं. इन मिसाइलों से बचने के लिए अपाचे (Apache) में लगे फ्लेर्स हवा में छोड़े जाते हैं, जो मिसाइलों को भटकाने के लिए काफी अधिक तापमान पर जलते हैं. इसकी वजह से मिसाइलें इन फ्लेर्स को निशाना बनाती हैं और अपाचे (Apache) सुरक्षित बच जाता है.
6. अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है, जिसमें एक बार में 1200 तक राउंड हो सकते हैं. इसके अलावा अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है
7. अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है.
ये विशेषताएं हैं जो युद्ध के मैदान में अपाचे (Apache) को अजेय बनाती हैं. दुश्मन के टैंकों के साथ मुठभेड़ या दुश्मन की मज़बूत मोर्चाबंदी तोड़ने के लिए अटैक हेलिकॉप्टर्स की ज़रूरत होती है. जमीन पर टैंक को सबसे शक्तिशाली हथियार माना जाता है. अपाचे (Apache) हेलिकॉप्टर के हथियार इतने घातक हैं कि रक्षा विशेषज्ञ इसे ‘हवाई टैंक’ भी कहते हैं.
Bureau Report
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