अमृतसरः पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन सेल द्वारा रविवार को गिरफ्तार किए गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KJF)के चारों आतंकियों को लेकर पुलिस को जानकारी मिली है कि यह चारों पंजाब के ही रहने वाले है. पुलिस ने इनके पास हथियार और गोला बारूद भी पकड़ा था. खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चारो आतंकियों को आज 11.30 बजे के बाद अमृतसर की अदालत में पेश किया जाएगा. स्टेट स्पैशल अप्रेशन सेल द्वारा 10 दिन का मांगा जाएगा पुलिस रिमांड.
चारों आतंकी पंजाब के रहने वाले हैं. इनमें बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग अमृतसर के तरनतारन, अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा अमृतसर के गांव नागकलां, हरभजन सिंह, जिला होशियारपुर के गांव मियानी और बलबीर सिंह जिला होशियारपुर के कस्बा टांडा का रहने वाला है.
तरनतारन के बाबा बलवंत सिंह उर्फ निहंग और अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा के खिलाफ पहले से अपराधिक केस पहले से दर्ज है. इन दोनों की मुलाकात अमृतसर जेल में बंद मान सिंह से हुई थी. मान सिंह का संपर्क पाकिस्तान और जर्मन में बैठे आतंकी रंजीत सिंह नीटा व गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डाक्टर से है. मान सिंह को 2017 में स्टेट स्पैशल अप्रेशन सेल ने हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था तब से वह जेल में बंद है और वहां से अपने आकाओं के इशारे पर काम कर रहा है.
ऐसा बताया जा रहा है कि जर्मनी से आतंकी गतिविधि चला रहे इस आतंकी गुट को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है. यह गुट पंजाब और इसके पड़ोसी राज्यों में सिलसिलेवार आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था.पुलिस ने रविवार को बताया कि छापेमारी में उसे पांच एके-47 राइफल, पिस्तौल, सैटेलाइट फोन और हथगोले समेत भारी परिमाण में हथियार बरामद हुआ है. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों गिरफ्तार किया है.
इनके अंतर्राष्ट्रीय संबंध और साजिश रचने वाली शाखांए होने के कारण मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मामले में आगे की जांच नेशनल इनवेस्टिंग एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला लिया है, ताकि पूरी साजिश को जल्द फर्दाफाश किया जा सके.शुरुआती जांच में सीमापार से हथियारों और कम्यूनिकेशन हार्डवेयर की डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है. मुख्यमंत्री ने पंजाब की सीमा पर दुश्मन के ड्रोन की गतिविधि पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को रोकथाम के जरूरी उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने संवाददाताओं को यहां बताया कि इस बात की आशंका है कि हथियार पाकिस्तानी एस्टैबलिस्मेंट, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान समर्थित जिहादी व खालिस्तान समर्थित आतंकी गुटों द्वारा लांच किए गए ड्रोन का इस्तेमाल करके भारत-पाक सीमा से हाल ही में भेजा गया है.
Leave a Reply