कोलकाताः कोलकाता में एक दिल के मरीज ने आर्टीफीशियल हार्ट के साथ सबसे लम्बे समय तक बिलकुल स्वस्थ तरीके से जीने का रिकॉर्ड बनाया है. कोलकाता के रहने वाले इस व्यक्ति का नाम सुरेश दुगर है. सुरेश दुगर एक उद्योगपति हैं, जो कुछ समय पहले तक दिल की बीमारी से जूझ रहे थे. सुरेश को बचाने के लिए अलग-अलग तरह की दवाई दी गई, कई डॉक्टर्स को भी दिखाया गया और कई पद्धतियों का सहारा लिया गया, लेकिन कोई भी दवाई काम नहीं आई. ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन उससे भी ज्यादा फायदा नहीं हुआ. जो भी थोड़ा बहुत सुरेश का दिल काम कर रहा था उससे उनके जीने की उम्मीद ज्यादा नहीं थी क्योंकि ऑपरेशन के बाद भी उनका दिल जितना काम करना चाहिए उतना नहीं कर रहा था.
उसके बाद सुरेश को एक आर्टिफीशियल हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया, क्योंकि इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था. हमारे देश में ज्यादातर लोग दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं और इस तरह से हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए ना जाने कितने दिल के मरीज इंतज़ार कर रहे हैं. इस मामले में कडावेरिक ट्रांसप्लांट मतलब ब्रेन डेथ वाले मरीज का ही स्वस्थ दिल किसी जरूरतमंद को दी जा सकती है और वो भी अगर ब्लड ग्रुप मैच कर जाए तभी.
साल 2009 में सुरेश के शरीर में इंटर वेनसोनाल कार्डियोलॉजिस्ट प्रकाश कुमार हजरा के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम ने आर्टिफिशल हार्ट ट्रांसप्लांट किया. इस ऑपरेशन के बाद से लेकर अभी तक सुरेश बिलकुल स्वस्थ हैं और अपना व्यावसायिक काम बिना किसी चिंता के करते हैं. इस यंत्र यानी आर्टिफिशल हार्ट की कीमत कुछ साल पहले तक करीब 5 करोड़ से भी ज्यादा थी और विदेशो में ही इस यंत्र को लेने के लिए जाना पड़ता था. बाद में जब नियम कानून शिथिल होने लगे तो उसके बाद 2018 से इस तरह से आर्टिफिशल हार्ट हमारे देश में लाने शुरू हुए.
वर्तमान में हमारे देश में एवं कोलकाता में इस तरह के आर्टिफिशल हार्ट की कीमत 40 से 60 लाख ही है. फिलहाल कोलकाता में 3 लोगों के शरीर में इस आर्टिफिशल हार्ट को लगाया जाएगा, जिसकी तैयारियां चल रही हैं. यह यंत्र शरीर की बाईं तरफ एक नल के माध्यम से बाईं तरफ लगाया जाता है. जिसमें शुद्ध रक्त जमा होता है और फिर उसी नल के माध्यम से वो शुद्ध रक्त को पूरे शरीर में पंहुचा देता है.
Bureau Report
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