नईदिल्ली: एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने सोमवार को भारतीय वायुसेना प्रमुख के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लिया है. एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन उन्हें भारतीय वायुसेना की कमान सौंपी.
तेजस के की आरंभिक उड़ानों में शामिल रहे हैं भदौरिया
एयर मार्शल भदौरिया हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के आरंभिक नमूनों की उड़ानों में व्यापक रूप से शामिल रहे हैं और उन्होंने 26 विभिन्न लड़ाकू व मालवाहक विमानों की 4,250 घंटे की उड़ान भरी है.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे जहां भदौरिया को पूरी मेधासूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए बेहद चाहत वाला सम्मान ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ मिला. उन्होंने जून 1980 में आईएएफ के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था.
वायुसेना के विभिन्न विमानों में अपनी दक्षता के अलावा भदौरिया एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट, कैट ‘ए’ क्वालिफायड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं.
जिसके बाद वायु सेना में विभिन्न प्रमुख पदों पर वह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, जिनमें जगुआर स्क्वाड्रन और प्रमुख एयरफोर्स स्टेशन की अगुवाई के साथ-साथ एयरक्राफ्ट और सिस्टम परीक्षण केंद्र में फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन की कमान संभाल चुके हैं. मुख्य परीक्षण पायलट और एलसीए प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुके हैं.
भदौरिया ने रूस में एयर अटैच के रूप में भी अपनी सेवा दी है. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कमांडेंट, सेंट्रल एयर कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर, डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ और उसके बाद दक्षिणी एयर कमान के कमांडिंग वायु सेना अधिकारी रहे हैं.
भदौरिया इसी साल एक मई को वायु सेना के उपप्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले बेंगलुरू में प्रमुख प्रशिक्षण कमान के प्रमुख थे.
Bureau Report
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