नईदिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद अब दो तेजतर्रार अफसरों को इन राज्यों की कमान सौंपी गई हैं. ये हैं गिरीश चंद्र मुर्मू और राधाकृष्ण माथुर. मुर्म को जहां जूम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, वहीं राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के पहले उप राज्यपाल होंगे. इन दोनों ही वरिष्ठ नौकरशाहों मोदी सरकार ने यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है. आइये जानते हैं इन दोनों वरिष्ठ नौकरशाहों के बारे में और इन्हें ये अहम जिम्मेदारी किसलिए सौंपी गई…
गिरीश चंद्र मुर्मू
गिरीश चंद्र मुर्मू मूलरूप से ओडिशा के रहने वाले हैं और 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं. नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू ने राजनीतिक विज्ञान में परास्नातक के साथ ही एमबीए भी किया है. वह बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. उनकी छवि एक तेजतर्रार अफसर की है. वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ भी काम कर चुके हैं. नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब गिरीश चंद्र मुर्मू उनके प्रमुख सचिव थे. मुर्मू को पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी विश्वासपात्र माना जाता है.
राधा कृष्ण माथुर
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले एलजी बनाए गए राधा कृष्ण माथुर त्रिपुरा कैडर के 1977 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और नवंबर 2018 में भारत के मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में सेवानिवृत्त हुए. वह 25 मई 2013 को इस पद पर नियुक्त होने के दो साल बाद भारत के रक्षा सचिव के रूप में रिटायर हुए. माथुर भारत के रक्षा उत्पादन सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सचिव और भारत के मुख्य सचिव और त्रिपुरा के मुख्य सचिव भी की भूमिका भी निभा चुके हैं. वह आईआईटी कानपुर के छात्र रहे हैं. उन्हें रक्षा मामलों की गहरी समझ है. माना जाता है कि उनके अनुभवों को देखते हुए ही उन्हें सामरिक तौर पर संवेदनशील नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की कमान सौंपी गई है.
सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया
दरअसल, शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि एक नवंबर से आईएएस अफसर गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे, जबकि राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के पहले एलजी होंगे. वहीं, जम्मू कश्मीर के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक का तबादला कर उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया गया है. उनके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
बीते 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ-साथ उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था.
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