नईदिल्लीः भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को आज भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. जस्टिस रविन्द्र भट्ट ने इस केस की सुनवाई से अपने आप को अलग किया. अब तक 5 जज इस केस की सुनवाई से अपने आप को अलग कर चुके है. बता दें कि गौतम नवलखा की लगी गिरफ्तारी पर रोक कल यानि 4 अक्टूबर को खत्म हो रही है.
इससे पहले चीफ जस्टिस गोगोई और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था.
अब अन्य बेंच मामले की सुनवाई करेगी. नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने गौतम नवलखा मामले में 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कैविएट अर्जी दाखिल की है. अपनी अर्जी में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि उनका पक्ष सुने बिना कोर्ट कोई एकतरफा आदेश न दें.
गौरतलब है 13 सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था. पीठ ने नवलखा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने जनवरी 2018 में पुणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग की थी.
बता दें कि भीमा-कोरेगांव हिंसा और माओवादियों के साथ कथित जुड़ाव के लिए नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.