नईदिल्ली: भारत और चीन के बीच दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 11-12 अक्टूबर को चेन्नई में आयोजित होने जा रहा है. इस सिलसिले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर आएंगे और चेन्नई में पीएम मोदी के साथ मीटिंग करेंगे. इस सिलसिले में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ”प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई आएंगे.” इससे पहले भारत में चीन के दूत सुन वाईडोंग ने कहा, ”हमारे नेताओं के नेतृत्व में हालिया दौर में चीन और भारत के संबंधों में सतत प्रगति हुई है. वुहान अनौपचारिक मीटिंग के सकारात्मक प्रभाव को आगे बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे…”
उल्लेखनीय है कि 2017 के डोकलाम संकट की पृष्ठभूमि में पिछले साल वुहान में भारत और चीन के बीच पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन चीनी शहर वुहान में हुआ था. उस दौरान दोनों ही नेताओं ने रणनीतिक सलाह दी थी ताकि दोबारा डोकलाम जैसा संकट उत्पन्न नहीं हो. इसके अलावा सांस्कृतिक स्तर पर भारत-चीन हाई-लेवल मैकेनिज्म का गठन और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर देने पर सहमति बनी थी. उल्लेखनीय है कि ये पहली बार नहीं है कि चीन के राष्ट्रपति ने दक्षिण भारत की यात्रा की है. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के पहले प्रीमियर झू एनलाई ने दक्षिण भारत की यात्रा की थी. एनलाई पांच दिसंबर, 1956 को दो दिवसीय दौरे पर तमिलनाडु गए थे. उस दौरान महाबलीपुरम, जेमिनी स्टूडियो और एक कोच फैक्ट्री भी देखने गए थे.
सूत्रों के मुताबिक शी जिनपिंग की यात्रा के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी. सीमा पर शांति, सौहार्द बनाए रखने पर चर्चा हो सकती है, भारत-चीन अगले स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मुलाकात पर फैसला ले सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी क्योंकि ये भारत का आंतरिक मामला है. आतंकवाद के मुद्दे पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है फिर चाहे वह क्षेत्रीय आतंकवाद हो या वैश्विक. खासतौर पर आतंकवादियों को ट्रेनिंग, फाइनेंसिंग और समर्थन देने और देने वालों के मुद्दे पर बात होगी. उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच शांति, व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, द्विपक्षीय मुद्दे, सीबीएम, क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.