नईदिल्ली: पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में पैसे निकालने पर लगी रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से संबंधित हाई कोर्ट जाने की सलाह दी. दरअसल, दिल्ली के रहने वाले बीके मिश्रा और अन्य ने यह याचिका दायर की थी.
इंश्योरेंस कवर की भी मांग की थी
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि कुछ लोगों की कारगुजारियों की वजह से लोगों का धन फंस जाने जैसे वित्तीय संकट उत्पन्न होने की स्थिति में बैंक और जमा राशियों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में 15 लाख खाताधारकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए उनके लिए 100 प्रतिशत इंश्योरेंस कवर की मांग की गई थी.
लोगों को हो रही है भारी परेशानी
पीएमसी 11,600 करोड़ रुपये से अधिक जमा के साथ देश के शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है लेकिन इसके बावजूद पीएमसी के जमाकर्ता अपने बैंक से धन नहीं निकाल पा रहे हैं क्योंकि बैंक की स्थिति को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं.अभी पीएमसी के कस्टमर खाते से 25000 रुपये ही निकाल सकते हैं। इससे पहले ये लिमिट 1000 रुपये थी जिसे बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला
बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिये गये कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर नियामकीय पाबंदी लगाई गई है. बैंक ने एचडीआईएल को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये का ऋण दिया था.यह उसके कुल कर्ज का करीब 73 प्रतिशत है.पूरा कर्ज पिछले दो-तीन साल से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बनी हुई है.
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