नईदिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद मामले में जल्द सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है. इसलिए गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को अयोध्या में सभी सुरक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए आगाह किया है. कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने व किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अयोध्या को किसी किले की तरह बदल दिया जाएगा.
आतंकी खतरे के बारे में खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के आदेश पर पिछले सप्ताह जारी एक परिपत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को सचेत किया है. प्रदेश सरकार को पुलिस बल की अधिकतम तैनाती का निर्देश दिया गया है. वहीं सोशल साइट्स पर कोई अफवाह न फैले, इसलिए इन पर भी नजर रखने के आदेश हैं.
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि अयोध्या में एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) को भी संचालित करने को कहा गया है. ऐसी आशंका है कि असामाजिक तत्व लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का सकते हैं. इसलिए परिपत्र में उप्र सरकार को राज्य में अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखने और विशिष्ट स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं.
सूत्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह और अन्य विभागों को अंतिम समय में होने वाली गड़बड़ियों से बचने के लिए परिपत्र भेजे गए हैं. खुफिया सूचनाओं के माध्यम से यह पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े करीब आधा दर्जन आतंकी अपने पाकिस्तानी संचालकों के इशारे पर राज्य में आतंकी हमले करने के लिए नेपाल की सीमा से होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं.
खुफिया जानकारी में चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी अयोध्या और आसपास के शहरों में छिपे हो सकते हैं. उनमें से कुछ की पहचान कथित तौर पर मोहम्मद याकूब, अबू हमजा, मोहम्मद शाहबाज, निसार अहमद और मोहम्मद कौमी चौधरी के रूप में हुई है.
खुफिया जानकारी में कहा गया है कि आतंकवादी अयोध्या में हिंदू पुरुषों के रूप में प्रवेश कर सकते हैं. अयोध्या सुरक्षा को लेकर हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है. खासकर विवादित स्थल के आसपास काफी सुरक्षा रहती है.
राज्य के पुलिस महकमे ने विश्वास जताया है कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाएगा, उस दिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ पर नजर रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और ड्रोन सहित आतंकवाद निरोधक दस्ते, विशेष पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया जाएगा. आरएएफ कंपनियों के अलावा प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की लगभग 50 कंपनियां तैयार हैं. उन्होंने बताया कि पीएसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की लगभग 10 कंपनियां स्थायी रूप से विवादित जगह पर साल भर के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगी.
अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक पुलिस अधीक्षक, 30 उप-अधीक्षक और अन्य निचले रैंक के अधिकारियों को अयोध्या की सुरक्षा में लगाया जाएगा जिन्हें कुल आठ क्षेत्रों में विभाजित किया गया है.
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