अयोध्‍या केस में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का विवादित बयान, ‘देश की शांति-सौहार्द हमेशा हिंदू बिगाड़ता है’

अयोध्‍या केस में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का विवादित बयान, 'देश की शांति-सौहार्द हमेशा हिंदू बिगाड़ता है'नईदिल्‍ली: अयोध्‍या केस में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे राजीव धवन ने विवादित बयान दिया है. राजीव धवन ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम फैसले के संदर्भ में कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लिमों के साथ अन्याय हुआ है. इसके साथ ही वह यह भी कह गए कि देश की शांति और सौहार्द को हमेशा हिंदू ही बिगाड़ता है. मुस्लिमों ने ऐसा काम कभी नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी जमकर निशाना साधा.

ANI के अनुसार, राजीव धवन ने कहा कि संघ परिवार तालिबान की तरह बात करता है! उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अखलाक के लिए कौन जिम्मेदार है? गौरी लंकेश के लिए कौन जिम्मेदार है? गोवा में क्राइम के लिए और डाभोलकर के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके साथ ही राजीव धवन ने कहा कि 1934 में मस्जिद किसने गिराई, किसने लिंचिंग की, किसने हत्याएं की हैं?

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले भी अयोध्‍या केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने एक पिक्टोरियल मैप को फाड़ दिया, जिसमें भगवान राम के जन्मस्थल को चिह्न्ति किया गया था. इस मैप को अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने अदालत के समक्ष रखा था. उनके द्वारा नक्शे को फाड़े जाने की घटना की वकील समुदाय ने निंदा की थी, जिनका कहना था कि वकीलों को कार्यवाहियों के दौरान अदालतों की मर्यादा को बनाए रखना चाहिए. 

मामले में बीते 16 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश धवन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के सामने इस मैप को फाड़ दिया था, जिस पर सीजेआई और अन्‍य जजों ने कड़ी टिप्‍पणी भी की थी. उनके इस कृत्य की कानून समुदाय से इतर बाहर के लोगों ने भी आलोचना की थी.

हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि धवन का व्यवहार अनैतिक, गैर-पेशेवर था और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. अदालत में उस वक्त मौजूद अयोध्या वार्ता समिति के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने भी उनके इस कृत्य की आलोचना की और कहा कि वरिष्ठ वकील का व्यवहार अनुचित था.

प्रसिद्ध वकील एमएस खान ने धवन के व्यवहार की आलोचना की और कहा, “यद्यपि प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील को मैप फाड़ने की इजाजत दी थी, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. कोर्ट की मर्यादा बनी रहनी चाहिए.”

इस मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को पत्र लिखकर वरिष्ठ वकील के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

Bureau Report

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