नईदिल्ली: आईएनएक्स-मीडिया से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिज मदन लोकुर से प्रभावित नजर आए. दरअसल, लोकुर ने कहा है कि भारत के नए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के पास शीर्ष अदालत की विश्वसनीयता और कद को तत्काल बहाल करने की जिम्मेदारी है.
इसी को लेकर चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने ट्वीट में लिखा, ”जस्टिस मदन लोकुर की साफगोई और स्पष्टता चकित करती है.”
दरअसल, किसी भी विशिष्ट मामले का जिक्र किए बिना लोकुर ने लिखा, ”किसी को भी बिना प्रभावी कारण या एक सील बंद लिफाफे में जजों को दी गई जानकारी के आधार पर जेल में नहीं डाला जा सकता है. किसी को समय न होने की वजह से या गलत सूचना के कारण, या क्योंकि कोई व्यक्ति जेल में सुरक्षित है इसलिए भी जेल में नहीं रखा जा सकता है.”
माना जा रहा है कि न्यायिक हिरासत में चल रहे चिदंबरम जस्टिस लोकुर की इन बातों को खुद से जोड़कर देख रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस नेता की ओर से एक अखबार का जिक्र करते हुए एक और ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में लिखा है, “राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम न्यायिक अभिरक्षा में बने हुए हैं क्योंकि सरकारी एजेंसियां और कानून अधिकारी इस बात को दिखाते हैं कि वे विशेष रूप से विपक्षी नेताओं का पीछा करने के लिए आरक्षित हैं.”
उधर, सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस बात के लिए सहमत हो गया कि वह अईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोर्ट इस मामले पर सुनवाई मंगलवार या बुधवार को करेगा.
Bureau Report
Leave a Reply