नईदिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि किसी को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से डरने की जरूरत नहीं है और यह पूरे देश में लागू किया जाएगा. यहां राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, “एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें ऐसा कहा जाए कि इसमें दूसरे धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में लागू किया जाएगा और किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है. उल्लेखनीय है कि एनआरसी फिलहाल असम में लागू हुआ है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं करने देंगे.
आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के सांसद टी सुब्रमामि रेड्डी ने पूछा कि कांग्रेस में यदि सब सामान्य है तो फिर धारा 144 क्यों लगाई गई है? अमित शाह ने जवाब में कहा कि कुछ स्थानों में लागू किया गया है. कश्मीर के 195 थानों में धारा 144 नहीं लगाई गई है. इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने करने के मसले पर वहां के प्रशासन की उचित समय पर अनुशंषा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा. पड़ोसी देश की गतिविधियों और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही निर्णय करेंगे.
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि 5 अगस्त के बाद स्कूल और कॉलेज सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. स्कूल खुले हैं लेकिन उपस्थिति कम है. स्वास्थ्य दूसरी सबसे बड़ी समस्या है. इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं. अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि आजाद साहब से मैं सहमत हूं कि इंटरनेट जरूरी है. लेकिन अतीत पर यदि नजर डालें तो पूरे देश भर में इंटरनेट 1995-96 में आया. कश्मीर में मोबाइल बीजेपी सरकार ने 2003 में शुरू किया. 2002 से इंटरनेट की परमीशन दी गई. जहां तक देश की सुरक्षा का सवाल है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का सवाल है तब हमें कहीं न कहीं प्राथमिकता तय करनी पड़ती है.जब उचित लगेगा तो इंटरनेट चालू कर दिया जाएगा.
पीडीपी नेता नज़ीर अहमद ने भी बच्चों की शिक्षा और दवाईयों की उपलब्धता का मुद्दा उठाया. अमित शाह ने कहा कि दवाईओं की कहीं कोई कमी नहीं. स्वास्थ्य सेवाएं भी पर्याप्त हैं. श्रीनगर में सितंबर-अक्टूबर में 7 लाख से ज्यादा OPD हुईं. एनसीपी नेता माजिद मेमन ने लॉ और ऑर्डर की स्थिति पर सवाल पूछा. अमित शाह ने कहा कि वहां पर स्थिति सामान्य ही है. देश और दुनिया में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं. जहां तक कानून-व्यवस्था का सवाल है तो 5 अगस्त के बाद एक भी व्यक्ति की पुलिस फायरिंग से मौत नहीं हुई है जबकि लोगों ने कहा था कि खून की नदियां बह जाएंगी. पत्थरबाजी में पिछले साल की तुलना में कमी आई है. पिछले साल इस तरह की 802 घटनाएं हुई थीं लेकिन इस बार 544 पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. सभी स्कूल खुले हुए हैं. 98 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया. राशन, अनाज, पेट्रोल की व्यवस्था है. किसानों को कोई दिक्कत है तो नाफेड ने व्यवस्था की है.
गुलाम नबी आजाद के बार-बार हस्तक्षेप करने पर अमित शाह ने कहा कि आंकड़ों पर चैलेंज करें. सत्य को झुठला नहीं सकते. आप रिकॉर्ड पर चैलेंज करें. उन्होंने कहा कि उर्दू, इंग्लिश के सभी अख़बार, मीडिया चालू हैं. बैंकिंग सुविधा चालू है. घाटी में अधिकांश इलाकों में दुकानें खुली रहती हैं. सुबह खुलती हैं. दोपहर को बंद होती है और फिर शाम को खुलती हैं.
Bureau Report
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