पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ‘बिहार में शिक्षा सुधार’ के मुद्दे पर अनशन पर बैठे हैं. पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में अनशन चल रहा है और कुशवाहा का नारा है ‘शिक्षा सुधार नहीं तो जीना बेकार’. उपेंद्र कुशवाहा चाहते हैं कि उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए नवादा और औरंगाबाद में जिन केंद्रीय विद्यालयों की स्वीकृति मिली थी उसके लिए राज्य सरकार जमीन आवंटित करे.
इस बीच उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन छोड़कर एनडीए में जुड़ने की चर्चा भी तेज़ हो गई है. दरअसल अनशन पर बैठने से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए के बड़े नेताओं से मुलाक़ात की. कुशवाहा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और गिरिराज सिंह से मिले. इनके अलावा उपेंद्र कुशवाहा ने सीपी ठाकुर से भी मुलाक़ात की. ज़ी बिहार-झारखंड ने जब सीपी ठाकुर से पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि कुशवाहा को वापस एनडीए में लौटना चाहिए. इस न्योते को फिलहाल आरएलएसपी ने खारिज नहीं किया है. इधर महागठबंधन के नेताओं की इस मामले पर अलग-अलग राय है.
आज उपेंद्र कुशवाहा ने ज़ी बिहार-झारखंड से बातचीत में महागठबंधन से किसी भी तरह की नाराजगी से इनकार किया है. कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे उनके मंच पर आ चुके हैं और महागठबंधन के बड़े नेता रोज आ रहे हैं.
इधर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि जब उपेंद्र कुशवाहा उनसे मिलने आए तो केंद्रीय विद्यालय को लेकर अपनी बातें रखीं. गिरिराज सिंह ने कहा कि जब मुलाक़ात हुई तो बातें भी हुईं. जब ज़ी बिहार-झारखंड ने केंद्रीय मंत्री से कुशवाहा की एनडीए में वापसी को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ये उनके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है. गिरिराज सिंह के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता ही गठबंधन और रणनीति के बारे में बता सकते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी मांगों को लेकर राज्य सरकार ने अभी कोई सक्रियता नहीं दिखाई है. इसीलिए फिलहाल उनका अनशन जारी रहेगा. आपको बता दें कि अनशन का असर अब कुशवाहा की सेहत पर भी नज़र आ रहा है.
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