नईदिल्ली: 1984 सिख विरोधी हिंसा के मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली. फिलहाल कुमार को जेल में ही रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की.
जेल में बंद सज्जन कुमार की मेडिकल जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के निदेशक को डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बनाने को कहा. साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि 4 हफ्ते में बोर्ड रिपोर्ट दाखिल करे. सज्जन ने अपनी खराब सेहत का हवाला देकर जमानत मांगी थी.
सिख विरोधी दंगों के मामले में कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में दोषी करार दे दिया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उन्होंने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जमानत याचिका दायर की थी, जो अभी तक लंबित है.
सज्जन कुमार और पांच अन्य ने 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में कैंट के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों- केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने की कोशिश की थी.
साल 2005 में न्यायमूर्ति जी.टी. नानावती आयोग की अनुशंसा पर सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
Bureau Report
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