नईदिल्ली: INX मीडिया हेराफेरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर 26 नवंबर तक जवाब मांगा है. जस्टिस आर भानुमति की 3 जजों की पीठ ने बुधवार को चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने ईडी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न चिदंबरम को जमानत दे दी जाए?
दरअसल, सोमवार को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि चिदंबरम पिछले 90 दिनों से जेल में बंद हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है.
आपको बता दें कि INX मीडिया केस में पी चिदंबरम को बड़ा झटका देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे जुड़े ED केस में जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कैथ ने अपने आदेश में कहा था कि अगर इस स्टेज पर चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो 70 बेनामी बैंक एकाउंट समेत शेल कंपनी और मनी ट्रेल को साबित करना जांच एजेंसी के लिए मुश्किल हो जाएगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर सीबीआई मामले में जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि चिदंबरम को इस मामले में तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस मामले का ट्रायल शुरू नहीं हो जाता और अहम गवाहों के बयान नहीं दर्ज कर लिए जाते.
क्या है मामला?
सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा लेने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संबर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मंजूरी में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद ईडी ने 2017 में इस संबंध में मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
Bureau Report
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