नईदिल्ली: दिल्ली में पानी के सैंपल पर विवाद का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. RO बनाने वाली कंपनियों के संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिल्ली के कुछ हिस्सों में RO बैन के फैसले के खिलाफ अर्जी दी है. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने RO निर्माताओं को 10 दिनों में संबंधित मंत्रालय जाने को कहा है.
दिल्ली में RO फिल्टर के उपयोग पर एनजीटी के प्रतिबंध के खिलाफ RO कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि राष्ट्रीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं है. ऐसे में इस प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए.
क्या है पूरा मामला
एनजीटी ने 20 मई को दिल्ली के उन स्थानों पर आरओ प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 एमजी प्रति लीटर से कम है. साथ ही जनता को बिना खनिज पदार्थ वाले पानी के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए भी कहा था.
अधिकरण ने सरकार से यह भी कहा है कि देशभर में जहां भी आरओ की अनुमति दी गई है वहां 60 प्रतिशत से ज्यादा पानी पुन: इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य हो.
समिति ने कहा कि अगर टीडीसी 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो आरओ प्रणाली उपयोगी नहीं होगी बल्कि उससे महत्वपूर्ण खनिज निकल जाएंगे और साथ ही पानी की अनुचित बर्बादी होगी. एनजीटी ने कहा कि आरओ प्रणाली के इस्तेमाल के संबंध में पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाए. जिसके बाद एनजीटी ने दिल्ली के कई हिस्सों में RO पर रोक लगा दिया था.
Bureau Report
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