मुंबई: देशभर में गुरुवार को सूर्य ग्रहण देखा गया. ग्रहण से जुड़ी कई अंधश्रद्धाएं हैं जिन्हें मिटाने के लिए मुंबई से 2 प्लेन उड़ाए गए. एक अनोखे प्रयोग के तौर पर ग्रहण को हवाई जहाज से देखा गया. इस प्रयोग को लेकर नेहरू प्लेनेटोरिम के डायरेक्टर अरविंद परांजपे ने कहा कि देश के लोगों के मन में ग्रहण को लेकर कई सारी भ्रांतियां और अंधश्रद्धाएं हैं. लोगों का मानना है कि ग्रहण के दौरान घर से नहीं निकलना चाहिए. हम इस अंधश्रद्धा को दूर करना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण को बेहद करीब से देखने के लिए दो प्लेन उड़ाए गए थे और सफलतापूर्वक लैंड भी किए गए. उन्होंने कहा कि इस प्रयोग को हमने नरेंद्र दाभोलकर और श्रीराम लागू को समर्पित किया है. आपको बता दें कि इस कांसेप्ट को एमएबी एविएशन (विले पार्ले) और स्पेस गीक्स ने तैयार किया था. एक प्लेन में नेहरू प्लेनेटोरिम के डायरेक्टर अरविंद परांजपे और साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉट्स भी मौजूद थे.
नेहरू प्लेनेटोरिम के डायरेक्टर अरविंद परांजपे ने कहा कि स्पेस गीक्स और एमबी के साथ हमें सूर्य ग्रहण को इतने करीब से देखना का मौका मिला. उन्होंने कहा कि लोगों में सूर्य ग्रहण को लेकर कई सारी अंधश्रद्धाएं जुड़ी हुई हैं. मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि वह इस अंधश्रद्धा पर विश्वास न करें और विज्ञान पर भरोसा करें. उन्होंने कहा एविएशन सेक्टर में देश तेजी से प्रगति कर रहा है. आज ऐसा समय है कि हम इतने करीब से सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं.
एमएबी एविएशन के सीईओ अरविंद जाधव ने कहा कि सूर्य ग्रहण का एरियल व्यू लेने के लिए दो प्लेन आज उड़ाए गए थे. बीचक्राफ्ट C-90 और सेसना- 172s. हमारे देश में ऐसा पहली बार हो रहा है की प्लेन के अंदर स्पेस डोमेन की तरफ से साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉट्स ने सूर्य ग्रहण को इतने करीब से देखा. उन्होंने कहा इसका मुख्य उद्देश्य अंधश्रद्धा को दूर करना और एस्ट्रोटूरिज्म को सपोर्ट और मोटिवेट करना है.
एमएबी के मैनेजिंग डायरेक्टर मंदार भरदे ने कहा कि इस प्रयोग के जरिए हम लोगों को बताचा चाहते हैं कि सू्र्य ग्रहण के समय घर से निकलना हानिकारक नहीं होगा. यह प्रयोग नरेंद्र दाभोलकर और श्रीराम लागू को समर्पित है.
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