श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के निचले इलाकों में भारी बर्फबारी के चलते एक तरफ स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. वहीं दूसरी तरफ बर्फबारी ने पर्यटकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है. सोमवार को जम्मू के उधमपुर जिले के पतनीटॉप में पर्यटकों ने जमकर बर्फबारी का लुत्फ लिया. बात करें कश्मीर के ऊपरी इलाकों की तो बीते शनिवार को कश्मीर में ‘चिल्ले कलां’ की शुरुआत हो गई. ये 40 दिन तक चलता है. इस दौरान कश्मीर में हिमपात की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान में खासी गिरावट आ जाती है.
इस वर्ष ‘चिल्ले कलां’ की शुरुआत बर्फबारी के साथ हुई. बीते शनिवार को घाटी के ऊपरी हिस्सों में भरी बर्फबारी हुई और मैदानी इलाकों में बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं. तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में बर्फबारी के बाद पारा शून्य से 9.6 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया. श्रीनगर में तापमान शून्य से 1.4 डिग्री निचे दर्ज किया गया.
आपको बता दें कि ‘चिल्ले कलां’ 31 जनवरी को समाप्त होगी. हालांकि उसके बाद भी कश्मीर में 20 दिवसीय ‘चिल्ले खुर्द’ और 10 दिवसीय ‘चिल्ले बच्चा’ के साथ शीत लहर जारी रहती है.
जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग बर्फ से ढंक गया है. यातायात बाधित है और कई इलाकों में बिजली गुल है. कई जगहों पर भूस्खलन होने से स्थानीय नागरिकों की समस्याएं बढ़ गई हैं. प्रशासन का कहना हैं कि राजमार्ग और बर्फबारी वाले इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सभी प्रबंध किए गए हैं.
कुलगाम जिले के डिप्टी कमिश्नर शौकत एजाज ने बताया कि भारी बर्फबारी से निपटने के लिए हम तैयार हैं. 12 मशीने लगातार राजमार्ग से बर्फ हटाने का काम कर रही है. सभी संबंधित विभागों को सतर्क किया गया है. कंट्रोल रूम और डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर भी बनाये गए हैं.
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