नागरिकता कानून के विरोध में 21-22 दिसंबर को प्रदेश के 22 जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। गाड़ियों के अलावा पुलिस चौकी और थाने भी फूंके गए थे। इस दौरान 18 लोगों की जान गई थी। अब तक पुलिस ने एक हजार गिरफ्तारियां की हैं।
5 जिलों में रिकवरी शुरू
लखनऊ: पुलिस ने 100 को नोटिस जारी किया था। इसमें 46 को गुरुवार को रिकवरी नोटिस भेजा गया। इसमें रिहाई मंच के पदाधिकारी मो. शोएब और पूर्व आईजी एसआर दारापुरी का नाम भी हैं।
रामपुर: प्रशासन ने बुधवार को 28 लोगों को 15 लाख की क्षतिपूर्ति का नोटिस भेजा। बाइक, पुलिस की लाठियां, हूटर, रबर बुलेट्स जैसी चीजों के नुकसान की भी वसूली की जा रही है। डीएम आंजनेय सिंह ने कहा- जिन लोगों की पहचान हुई है, उन्हें 7 दिन का वक्त दिया गया है। अगर वे जवाब नहीं देते हैं, तो उनसे वसूली की जाएगी
बिजनौर: 146 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि कुछ लोग फरार हैं, इनकी जनकारी देने पर 25,000 रुपए के इनाम का ऐलान किया गया है। 43 प्रदर्शनकारियों को नोटिस भेजा गया है। इनसे 19.7 लाख रुपए की वसूली की जानी है।
मेरठ: पुलिस ने 141 लोगों की पहचान की गई। हिंसा के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ में 14 लाख की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। जिला मजिस्ट्रेट अनिल ढींगरा ने कहा कि अभी जांच चल रही है। सूची में और नाम जोड़े जा सकते हैं।
संभल: 15 लाख रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन ने 26 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
तोड़फोड़ करने वालों की पहचान जारी
13 जिलों में हिंसा फैलाने वालों की पहचान के लिए वीडियो और फोटो खंगाले जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 1000 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी हैं। कई जिलों में तोड़फोड़ करने वालों के पोस्टर लगाए गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि इनके बारे में जानकारी दी जाए। गोरखपुर में 60 लोगों के पोस्टर जारी किए गए और 33 की पहचान हो पाई है। इनके घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। मऊ में 110 लोगों की तस्वीरें पुलिस ने जारी की हैं। 21 को गिरफ्तार किया गया। फिरोजाबाद में 80 लोगों की तस्वीरों के साथ एक पोस्टर जारी किया है। कानपुर में एसआईटी ने 110 संदिग्धों के पोस्टर जारी किए गए हैं।
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