बच्चों की तस्करी: दिल्ली में बिहार से सबसे ज्यादा लाए गए बच्चे- बचपन बचाओ आंदोलन के आंकड़े

बच्चों की तस्करी: दिल्ली में बिहार से सबसे ज्यादा लाए गए बच्चे- बचपन बचाओ आंदोलन के आंकड़ेनईदिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के संगठनों चिल्ड्रन फाउंडेशन और बचपन बचाओ आंदोलन ने बच्चों की तस्करी और बाल श्रम से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं. इनके मुताबिक 1980 से अब तक बचपन बचाओ आंदोलन ने करीब 90,000 बच्चों को रेस्क्यू किया है.

इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2018 में हुए दिल्ली इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सर्वे के मुताबिक़ दिल्ली के रिहायशी इलाक़ों में 51,837 अनधिकृत फ़ैक्टरियां चल रही थी.

आंकड़ों के मुताबिक 2005 से अब तक दिल्ली से रेस्क्यू किए गए बच्चों में से 18% बच्चे उत्तर पूर्वी दिल्ली, 16% मध्य दिल्ली, 15% उत्तरी दिल्ली, 12% उत्तर पश्चिमी दिल्ली,  9% पश्चिमी दिल्ली, 9% दक्षिण पूर्वी दिल्ली, 6% शाहदरा, 5% पूर्वी दिल्ली, 2% नई दिल्ली, 4% दक्षिण पश्चिम दिल्ली, 4% दक्षिणी दिल्ली से रेस्क्यू किए गए.

सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ दिल्ली में child labour (prohibition and regulation) act 1986 के तहत दर्ज होने वाले मामले हर साल कम हो रहे हैं. इसके तहत 2014 में 57 मामले, 2015 में 57 मामले, 2016 में 31 मामले और 2017 में सिर्फ 20 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जो कि रेस्क्यू किए गाए बच्चों की संख्या के मुक़ाबले बहुत कम हैं.

दिल्ली में काम करने के लिए लाए जाने वाले इन बच्चों में 54% बिहार से, 22% उत्तर प्रदेश से, 7% पश्चिम बंगाल से, 6% दिल्ली से, 3% झारखंड से, 1% असम, 1% मध्य प्रदेश 7% अन्य राज्यों से लाए जाते हैं.

Bureau Report

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