पटना: जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन पार्टी खामोश है. एक बार फिर प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है और गैर-बीजेपी शासित राज्यों से देश को बचाने की अपील की है.
उन्होंने कहा है कि तीन राज्यों पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने अपना एजेंडा साफ कर दिया है, बाकी राज्यों को भी अपना स्टैंड साफ करना होगा. संसद में बहुमत की जीत हुई है.
अब न्यायपालिका के इतर, 16 गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने भारत की आत्मा को बचाने की चुनौती है. तीन राज्य पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी को लागू करने से इनकार कर दिया है. अब वक्त आ गया है कि दूसरे मुख्यमंत्री भी अपना स्टैंड साफ करें.
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पार्टी से बगावत करने की सजा प्रशांत किशोर को मिल सकती है. जेडीयू पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने वालों पर लगातार एक्शन लेती रही है.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. दरअसल प्रशांत किशोर नागरिकता बिल पर पार्टी लाइन का विरोध किया था. इससे पहले भी जेडीयू पार्टी लाइन से अलग जाने वालों पर कार्रवाई कर चुकी है. अजय आलोक को पार्टी लाइन से अलग बात करने पर प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था.
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