मुंबई: सौरव गांगुली ने उन खबरों पर विराम लगा दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की बीसीसीआई की पूर्णकालिक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में वापसी हो सकती है. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि पूर्णकालिक सीएसी की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी भूमिका सिर्फ एक या दो मीटिंग तक सीमित है. गांगुली ने यह बात बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के बाद कही.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की एजीएम रविवार को मुंबई में हुई. सौरव गांगुली ने एजीएम के बाद कहा, ‘सीएसी के पास अधिक काम नहीं है. हम सीएसी के बारे में बात करते रहते हैं लेकिन सीएसी का काम कोच और चयनकर्ता नियुक्त करना है. एक बार जब चयन समिति चार साल के लिए कोच तीन साल के लिए नियुक्त हो जाता है तो फिर पूर्णकालिक सीएसी की क्या जरूरत है.’
बीसीसीआई ने अब तक सीएसी की नियुक्ति नहीं की है और गांगुली का कहना है कि हितों के टकराव से जुड़े मामले इसकी राह में रोड़ा बन रहे हैं. गांगुली ने कहा, ‘अब तक तो सीएसी मानद है. अगर आप इसके सदस्यों को वेतन देंगे तो फिर किस आधार पर देंगे. यहां नियमित काम नहीं है. सीएसी का हितों के टकराव के बीच नियुक्ति मेरी नजर में सही कदम नहीं होगा. यह सिर्फ बैठकों तक सीमित है.’
सौरव गांगुली ने एक और अहम बात कही. गांगुली ने कहा कि वे क्रिकेटरों के लिए बीसीसीआई के पेंशन स्कीम को नए सिरे से तैयार करना चाहते हैं. गांगुली ने कहा कि कई खिलाड़ियों के पास नौकरी है और वे तब भी पेंशन ले रहे हैं. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशन उन्हीं को मिले, जिनको इसकी सबसे अधिक जरूरत है.
बता दें कि सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण बोर्ड की सीएसी के सदस्य रह चुके हैं. हालांकि, इन तीनों को ही हितों के टकराव के कारण अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद कपिल देव की अध्यक्षता में नई सीएसी का गठन किया गया था. अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी इसकी सदस्य थीं.
Bureau Report
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