नईदिल्ली: आज राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पेश होने से पहले दिल्ली में सुबह हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान जो भाषा नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बोल रहा है, वही बातें यहां के कुछ दल भी बोल रहे हैं. इसे जनता तक लेकर जाइए. पीएम मोदी ने कहा कि CAB से ऐसे लोगों को बहुत राहत मिली हैं, जिन्हें इसकी दरकार थी. हम उनकी खुशी का अंदाजा नहीं लगा सकते.
पीएम मोदी द्वारा कही गई प्रमुख बातें…
-6 महीने का समय ऐतिहासिक रहा. जो काम वर्षों से नहीं हुआ, वह अब हुआ है.
-पीएम मोदी ने कर्नाटक की जीत पर ख़ुशी जताई. कहा- विपक्ष की जमानत भी जब्त हुई
-कर्नाटक की जीत के लिए सभी को बधाई.
-पीएम ने सभी को खड़े होकर ख़ुशी जताने को कहा.
-6 महीने में जो काम हुए उसके लिए पीएम मोदी के लिए बीजेपी नेताओं ने सीट से खड़े होकर तालियां बजाईं.
दिल्ली में सुबह 9.30 बजेे बीजेपी संसदीय दल की बैठक शुरू हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहे. बैठक में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर चर्चा हुई और राज्यसभा में इसे पास कराने की रणनीति भी तय की गई. बैठक करीब सवा 10 बजे खत्म हो गई.
दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल 2019 (CAB) लोकसभा से पारित होने के बाद आज राज्यसभा में दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा. इस बिल की बहस के लिए 6 घंटे का वक्त सभापति की तरफ से रखा गया है. उधर, विपक्ष ने इस बिल का विरोध तेज कर दिया है. कांग्रेस ने अपनी सभी जिला इकाइयों को देशभर में प्रदर्शन करने को कहा है तो वहीं सरकार राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. सरकार की तरफ से राज्यसभा के लिए पूरा होमवर्क किया गया है और तमाम पार्टियों से समर्थन लेकर संख्या बल जुटाने की कोशिश हो रही है.
सरकार को दूसरे दलों से समर्थन की उम्मीद
राज्यसभा में NDA के पास 106 का आंकड़ा है और दूसरे सहयोगी पार्टी के सहारे बहुमत का आकड़ा जुटाने का भरोसा है. किस पार्टी का सरकार को समर्थन मिलता है और कौन विरोध करती है इसकी तस्वीर बुधवार को साफ होगी लेकिन मोदी सरकार को पूरा भरोसा है लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में बहुमत से इस बिल को पास कराने लेगी.
शिवसेना के बदले सुर, AIADMK ने किया सपोर्ट
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना के सुर अब बदलते दिख रहे हैं. विधेयक के राज्यसभा में पेश होने से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इसपर पर्याप्त चर्चा होनी चाहिए. हालांकि AIADMK ने घोषणा की है कि वह नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करेगी.
यूएस की संस्था ने किया बिल का विरोध
लोकसभा में पास हुए इस बिल का अमेरिका (यूएस) के इंटरनेशनल कमीशन ऑन रिलीजन फ्रीडम ने भी विरोध किया है. कमीशन ने तो यहां तक कहा है कि लोकसभा के बाद यदि सरकार इस को राज्यसभा में पास कराती है तो यूएस को इस मामले में विरोध करना चाहिए. इसको नागरिकता अधिकारों का उल्लंघन बताया है, लेकिन यूएस के इस कमीशन की तरफ से की गई टिप्पणी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है की यूएस के इंटरनेशनल कमीशन ऑन रिलीजन फ्रीडम की यह टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना और अस्वीकार्य है कमीशन का नजरिया भारत को लेकर खास मानसिकता से ग्रसित है. भारत सरकार ने कहा कि आतंरिक मामलों में कोई दखल ना दे भारत ने यह बिल अपने देश में जो दूसरे देश से पीड़ित लोग पलायन करके आये हैं, उनको नागरिकता देने के लिए भारत सरकार लाई है एक तरह से इस बिल का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन यूएस कमीशन विरोध कर रहा है.
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