CAA Protest- जो भी हिंसा में शामिल है वो पूरे विरोध-प्रदर्शनों का दुश्‍मन है: ओवैसी

CAA Protest- जो भी हिंसा में शामिल है वो पूरे विरोध-प्रदर्शनों का दुश्‍मन है: ओवैसीनईदिल्‍ली: ना‍गरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि विरोध करना हमारा अधिकार है लेकिन हम हिंसा की पूरी तरह से निंदा करते हैं. जो भी हिंसा में शामिल है वो पूरे प्रदर्शन का विरोधी है. विरोध-प्रदर्शन होने चाहिए लेकिन वो तभी सफल होगा जब शांति बनाए रखी जाएगी.

हैदराबाद में यूनाईटेड मुस्लिम एक्‍शन कमेटी की बैठक में शिरकत करते हुए ओवैसी ने ये बात कही. एआईएमआईएम के हेडक्‍वार्टर में हुई इस बैठक में ओवैसी ने कहा कि हमें सीएए का विरोध सख्‍ती से करना चाहिए लेकिन पुलिस की अनमुति मिलने के बाद शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन होने चाहिए. कल लखनऊ और मंगलुरू में हिंसा का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की हिंसा होगी तो हम लोग अपने आप इससे अलग हो जाएंगे.

इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन किया है. गृहमंत्री के घर के बाहर दिल्ली महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि CAA कानून को वापस लिया जाए. दिल्‍ली पुलिस ने तीन मेट्रो स्‍टेशन बंद कर दिए हैं.

उल्‍लेखनीय है कि गुरुवार को दिल्ली में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद दिल्ली पुलिस शुक्रवार को पूरी सतर्कता बरत रही है. उत्तर पूर्वी दिल्ली के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गई है हालांकि पुलिस ने साथ कर दिया है कि पुरानी दिल्ली और जामा मस्जिद के आसपास धारा 144 लागू नहीं की गई है. उत्तर पूर्वी दिल्ली में पुलिस पांच ड्रोन कैमरों की मदद से भी इलाके पर नजर रख रही है. यहां पुलिस इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है और सोशल मीडिया एकाउंट्स पर भी नजर रखी जा रही है. 

बता दें सीएए कानून के तहत दिल्ली सहित देशभर में गुरुवार को प्रदर्शन हुए थे. दिल्ली में कई जगहों पर गुरुवार को इंटरनेट सेवाएं बंद भी कर दी गई थी. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प भी हुई. कांग्रेस सांसद ने राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट किया, “इस सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह कॉलेजों, टेलीफोन और इंटरनेट को बंद करवाए, मेट्रो ट्रेनों को रुकवाए और भारत की आवाज व शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का दबाने के लिए धारा 144 लागू करवाए. ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान है.”

Bureau Report

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