नईदिल्ली: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक CAB के खिलाफ आईयूएमएल आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी. इसकी पैरवी कपिल सिब्बल करेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज 2 याचिका दाखिल हो सकती है. जमीअत उलेमा-ए-हिंद और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग CAB के खिलाफ याचिका दाखिल कर सकती है. सूत्रों का यह भी मानना है कि याचिका में मांग की गई कि यह विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द करे.
इस बिल को लेकर देशभर से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. बुधवार को बिल के विरोध में एक IPS ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में बतौर आईजीपी तैनात अब्दुल रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
रहमान ने कहा कि, ‘नागरिकता संशोधन बिल संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. मैं इस बिल की निंदा करता हूं. सविनय अवज्ञा में मैंने कल से कार्यालय में उपस्थित नहीं होने का निर्णय लिया है. मैं आखिरकार अपनी सेवा से इस्तीफा दे रहा हूं.’
उधर, पूर्वोत्तर के राज्यों खासतौर पर असम में CAB 2019 इसका पुरजोर विरोध हो रहा है. असम के कई जिलों में विरोध-प्रदर्शनों के कारण कर्फ्यू लगा दिया गया है. कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि उन्हें लगता है कि नागरिकता संशोधन बिल उनके अस्तित्व के लिए खतरा है. हाल ही में NRC यानी National Register For Citizen में राज्य के 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था. इसमें करीब 11 लाख हिंदू भी बताए जा रहे हैं. असम में प्रदर्शन कर रहे लोगों की दलील है कि नागरिकता संशोधन बिल पास होने से ये 11 लाख हिंदू भी देश के नागरिक होंगे और असम में ही रहेंगे. इससे उनके लिए रोजगार के अवसर कम होंगे. सार्वजनिक संसाधनों पर भी उनके अधिकारों में कटौती होगी.
Bureau Report
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