नईदिल्ली: भारत विरोध में अंधे हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खानअब भारत को बदनाम करने के लिए फर्जी तस्वीरें पोस्ट करने से भी नहीं चूक रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ पुलिस की कथित ज्यादती के नाम पर फर्जी फ़ोटो पोस्ट कर दिया और अपनी मुसीबत मोल ले ली.
इस तस्वीर के पोस्ट कर देने के बाद जहां दुनिया भर के ट्विटर यूजर ने उन्हें खरी-खरी सुनाई वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भी इमरान के द्वारा पोस्ट की गई फ़ोटो तंज कसते हुए पाकिस्तान आदतन अपराधी करार दिया है. अकबरुद्दीन ने वीडियो के साथ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, ‘पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं.’
बता दें शुक्रवार को इमरान खान ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ‘भारत में पुलिस हिंसा’ का हवाला देते हुए तीन फ़ोटो ट्विटर पर पोस्ट किए. इन वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए.”
लेकिन, इमरान की सीनाजोरी तब पकड़ में आ गई जब पता चला कि उन्होंने जो वीडियो ट्वीट किया है, वह सिरे से भारत का है ही नहीं. वीडियो बांग्लादेश का निकला. इमरान का पर्दाफाश उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया. पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है. यह मई 2013 में बांग्लादेश के ढाका की घटना का है. यूपी पुलिस ने इंडिया टुडे के एक फैक्ट चेक का लिंक भी दिया जिससे भी साफ हुआ कि वीडियो बांग्लादेश का है. वीडियो में लोग बांग्ला भाषा बोलते नजर आ रहे हैं.
फ़ोटो में इमरान ने पुलिस के जिन जवानों को उत्तर प्रदेश का बताया, उनकी वर्दी पर आरएबी लिखा हुआ है. आरएबी (रैपिड एक्शन बटैलियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंकरोधी इकाई है.
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