जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘क्या हाथी भी भारत के नागरिक हैं?’जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘क्या हाथी भी भारत के नागरिक हैं?’

जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, 'क्या हाथी भी भारत के नागरिक हैं?'नईदिल्‍ली: हथिनी लक्ष्मी अपने पुराने महावत के पास वापस नहीं जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने महावत सद्दाम की याचिका सुनने से मना किया. दिल्ली में अवैध तरीके से रखी गई हथिनी को जब्त करने गए अधिकारियों पर महावत सद्दाम ने अपने साथियों के साथ हमला कर हथिनी को भगा दिया था. दो महीने बाद मिली लक्ष्मी अब हरियाणा के केयर सेंटर में है

47 वर्षीया हथिनी लक्ष्मी के महावत सद्दाम ने अपनी याचिका में हाथी पुनर्वास केंद्र से उसे मुक्त करने और दिल्ली लाने का निर्देश देने की मांग की थी. चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर हैरानी जताई कि एक हाथी के लिए कैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई की जा सकती है. सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे. पीठ ने पूछा, ‘क्या हाथी भी भारत के नागरिक हैं?’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि हथिनी पशु पुनर्वास केंद्र में है तो याचिकाकर्ता को उसका संरक्षण पाने के लिए कुछ दस्तावेज पेश करने होंगे. महावत के वकील विल्स मैथ्यू ने इसके बाद याचिका वापस ले ली. हालांकि उन्होंने हाई कोर्ट से संपर्क करने की स्वतंत्रता मांगी.

Bureau Report

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