नईदिल्ली: गुड़ का नाम लेते ही मुंह में मिठास का आनंद अपने आप ही आ जाता है. खासतौर से सर्दियों में गुड़ का इस्तेमाल पूरे देश में होता है. किसान अपने खून पसीने एक कर गन्ने से रस निकालकर शुद्धता के साथ गुड़ बनाकर इसे मंडी तक पहुचाता है. लेकिन मंडियों में आकर इसकी कैसी दुर्दशा होती है यह हम आपको इस रिपोर्ट में बता रहे हैं.
मंडियों में गुड़ के ऊपर जूते-चप्पल पहनकर व्यापारी चढ़ते हैं. मंडी में कर्मचारी कोई चप्पल पहने है, कोई जूता पहने है और कोई नंगे पैर ही इन गुड़ की भेलियों पर चल रहा है. जी हां, यह हाल है देश की सबसे मिठास वाली मंडी मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले करेली मंडी का. इस मंडी को खासतौर पर गुड़ की गुणवत्ता के लिए ही जाना जाता है. करेली मंडी का गुड़ भारत के कोने-कोने में जाता है. मध्य प्रदेश सरकार ने गुड़ को शुद्ध बनाने के लिए एक मुहिम चलाई थी और वह कारगर भी रही. गुड़ में मिलावट होना बंद हो गया.
लेकिन मंडियों में गुड़ की दुर्दशा देश कोई भी गुड़ खाने से मना कर देगा. व्यापारी-कर्मचारी इन गुड़ों पर गंदे जूते-चप्पल पहनकर चलते हैं. इससे किस तरह की बीमारियां हो सकती हैं यह कल्पना से बाहर है. किसान मानते हैं कि यह गुण भगवान के भोग से लेकर आम आदमी की थाली तक जाता है. लेकिन व्यापारियों का इस तरह जूते-चप्पल पहनकर गुड़ के ऊपर घूमना किसान को भी दुखी करता है लेकिन मंडी में बेचने के बाद गुड़ के साथ क्या होता है इसपर उनका बस नहीं है.
Bureau Report
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