नईदिल्ली: उन्होंने मेरी सूरत बदली है…मेरा मन नहीं, यही वो डायलॉग है, जो पूरी फिल्म में गूंजता रहता है. यहां बात दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ की हो रही है, जो 10 जनवरी रिलीज होने वाली है. एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बेस्ड ये फिल्म वाकई में रोंगटे खड़े कर देती है. फिल्म की डायरेक्टर मेघना गुलजार ने दर्शकों के सामने लक्ष्मी के रूप में दीपिका पादुकोण को पेश किया है. मेघना भली-भांति जानती हैं कि उन्हें दर्शकों को कैसे खुश करना है इसीलिए उन्होंने इस कहानी को नए ढंग से दिखाया है.
कहानी
फिल्म में कहानी मालती की है, वो मालती जिसके हजार सपने हैं, जो उड़ना चाहती है, आगे बढ़ना चाहती है, जो अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहती है, लेकिन अफसोस, मालती के हवा में उड़ने से पहले ही, उसके पंख काट दिए जाते हैं. मालती पर तेज़ाब से अटैक किया जाता है और उसकी जिंदगी ही बदल दी जाती है. मालती एक अच्छी नौकरी चाहती है और अपनी आंखों में संजोए, सपनों को भी पूरा करना चाहती है, लेकिन एसिड अटैक के बाद, उसकी पूरी ज़िंदगी ही बदल जाती है इसी दौरान मालती की मुलाकात पत्रकार अमोल से होती है. फिल्म में अमोल का किरदार निभाया है विक्रांत मैसी ने.
अमोल एक एनजीओ चलाता है, जो एसिड अटैक पीड़िताओं का इलाज करता है और इसी में वो मालती को भी शामिल कर लेता है. एनजीओ से जुड़ने के बाद मालती अपने साथ हुए उस खौफ़नाक हादसे की लड़ाई भी लड़नी शुरू कर देती है. कानूनी लड़ाई में उसकी मदद दो और लोग करते हैं. मालती को लोग जानने लगते हैं और वो लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाती हैं. मालती कोर्ट में अपने साथ हुए उस हादसे का खुलासा भी करती है.12वीं कक्षा में पढ़ रही मालती पर उसके पड़ोस में रहने वाला बशीर ख़ान उर्फ बब्बू जो मालती से करीब 15 साल बड़ा है वो कैसे मालती के चेहरे पर एसिड अटैक करता है और उसके बाद बशीर को सजा दिलाने के लिए मालती को क्या-क्या संघर्ष करना पड़ता है ये आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेगा.
एक्टिंग
फिल्म में एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के हर दर्द को दीपिका ने पर्दे पर दिखाया है. फिल्म देखते वक्त आपके कई बार आंसू भी आ जाएंगे. वो दर्द, वो आह औऱ वो खिलखिलाता चेहरा वाकई में दीपिका हर रूप में बेहतरीन लगी हैं, लेकिन लोग दीपिका का ग्लैमरस अवतार इसमें मिस करेंगे. फिल्म में विक्रांत मैसी की एक्टिंग उम्दा है. वो मालती की ढाल बनते हैं और हर वक्त उसका सपोर्ट करते हैं.
डायरेक्शन-म्यूजिक
मेघना गुलजार ने फिर से साबित किया है कि वो शायद ऐसी ही फिल्मों के लिए बनी हैं. ‘तलवार’, ‘राजी’ और अब ‘छपाक’, मेघना ने लक्ष्मी अग्रवाल की लड़ाई, दर्द और उनके हर अहसास को बखूबी पर्दे पर उतारा है. मेघना समझ चुकी हैं कि दर्शकों को अब कैसे फ्लेवर की फिल्में पसंद आती हैं.
फिल्म में कई जगह कुछ सीन्स अलग हैं और दोहराए हुए से लगते हैं. फिल्म की राइटर अतिका चौहान और मेघना ने शानदार डायलॉग्स लिखे हैं, जो आपको कुछ सोचने पर मजबूर करेंगे. फिल्म का म्यूजिक शंकर-एहसान-लॉय ने दिया है. ‘छपाक’ में अरिजीत सिंह की आवाज़ भी आपके दिल को छू जाएगी. अरिजीत के गाए गानों को सुनने के बाद आपकी आंखें भी भीग जाएंगी. फिल्म 120 मिनट की है और आपको बांधकर रखती है. इसे फॉक्स स्टार स्टूडियोज, मेघना गुलजार, गोविंद सिंह संधू के साथ दीपिका ने खुद भी इसे प्रोड्यूस किया है.
एसिड अटैक सर्वाइवर की ज़िदगी में हुए बदलाव और उनके संघर्ष की कहानी दर्शकों के सामने लाना.
Bureau Report
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