नईदिल्ली: अमेरिकन रिटेल कंपनी वॉलमार्ट को लगता है भारत रास नहीं आ रहा. पिछले कई समय से घाटे में चल रही कंपनी ने अब अपने सीनियर लेवल के अधिकारियों ने निकालना शुरु कर दिया है. कंपनी का कहना है कि लगभग एक तिहाई टॉप एग्जीग्यूटिव बाहर निकाले जाएंगे. इसमें कई डिवीजन वाइस प्रेसीडेंट्स जैसे सीनियर एग्जीक्यूटिव भी शामिल हैं.
100 से ज्यादा की गई नौकरी
वॉलमार्ट ने घोषणा की है कि कंपनी वाइस प्रेसिडेंट लेवल के अधिकारियों समेत 100 लोगों को निकाल रही है. इसमें एग्री-बिजनेस, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स शामिल हैं. कंपनी ने कहा है कि मुंबई स्थित फुलफिलमेंट सेंटर को बंद किया जाएगा. साथ ही फुलफिलमेंट के देश में चल रहे सभी ऑपरेशन तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं.
दोबारा भी हो सकती है छंटनी
सूत्रों के अनुसार वॉलमार्ट इंडिया में छंटनी का यह पहला दौर है और अप्रैल में फिर से छंटनी हो सकती है। वॉलमार्ट इंडिया बेस्ट प्राइस स्टोर्स के नाम से कारोबार करती है और मार्च 2019 तक इसका नुकसान बढ़कर 2180 करोड़ रुपए हो गया था। पिछले वित्त वर्ष में वॉलमार्ट इंडिया की सेल्स 4,095 करोड़ रुपए रही थी और नेट लॉस 171.6 करोड़ रुपए था।
मार्च 2019 तक 2,180 करोड़ का हो चुका है घाटा
कंपनी के हवाले से बताया गया है कि भारत में आने के बाद से लेकर पिछले साल मार्च तक कंपनी को 2,180 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. पेरेंट कंपनी ने भारतीय वॉलमार्ट के अधिकारियों को पहले ही आगाह किया था कि या तो कारोबार को मुनाफे की तरफ ले जाए या फिर कंपनी के खर्चे में कटौती की जाए.
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