मुंबई: महाराष्ट्र वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस और शिवसेना आमने-सामने है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि जो लोग वीर सावरकार के लिए भारत रत्न का विरोध करते हैं, उन्हें 2 दिन के लिए अंडमान जेल में रखा जाना चाहिए, जिससे कि त्याग और बलिदान का मतलब समझा जा सके. हालांकि इस मामले में आदित्य ठाकर ने थोड़ी नरमी दिखाई है. आदित्य ने कहा कि इतिहास पर चर्चा करने के बजाय मौजूदा मुद्दों पर राजनीति होनी चाहिए.
आदित्य ठाकरे ने इस पूरे मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “संजय राउत ने किस संदर्भ में बयान दिया है. शिवसेना-कांग्रेस का गठबंधन मजबूत है और हम राज्य के विकास के लिए साथ आए हैं. लोकतंत्र में लोगों के मत अलग-अलग हो सकते हैं. हमें इतिहास की बजाय मौजूदा मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए.”
उधर, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने जैसे ही कहा कि मोदी सरकार अगर सावरकर को भारत रत्न दिया तो हम विरोध करेंगे उसके बाद शिवसेना इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है. सत्ता के लिए सावरकर के विरोध के मुद्दे पर आदित्य ठाकरे ने भले ही नरमी बरती हो लेकिन वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर का कहना है कि शिवसेना को कांग्रेस को समझना चाहिए. वहीं रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि संजय राउत ने जो भी कहा सही कहा, सावरकर महान थे.
महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस मिलकर सरकार चला रहे हैं लेकिन जिस तरह से वीर सावरकर के मुदु्दे पर कांग्रेस लगातार बयान दे रही वैसे में शिवसेना के लिए कांग्रेस के साथ रहना आसान नहीं होगा. शिवसेना को या तो अपनी विचारधारा से समझौता करना होगा या सत्ता सुख छोड़ना होगा.
Bureau Report
Leave a Reply