नईदिल्ली: जब भी बॉलीवुड की सफल फिल्मों का नाम लिया जाएगा,’शोले’ का जिक्र जरूर आएगा. इस फिल्म को बनाने वाले रमेश सिप्पी का आज (23 जनवरी) जन्मदिन है. जिस फिल्म ने लोगों के दिल में ही नहीं दिमाग में भी जगह बनाई, आपको पता है कि इस फिल्म को बनाने के लिए रमेश सिप्पी के पास पैसे नहीं थे. सालों बाद भी इसका एक-एक करेक्टर, डायलॉग और गाने लोगों की जुबां पर हैं.फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद खान लीड रोल में थे. रमेश सिप्पी के जन्मदिन पर जानते हैं शोले से जुड़ी अनसुनी बातों को.
1. रमेश सिप्पी ने1975 में आई शोले 3 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा जादू दिखाया कि सभी हैरान हो गए. अब तक यह फिल्म कई करोड़ कमा चुकी है. इससे कमाई अब भी जारी है.
2. एक इंटरव्यू में रमेश सिप्पी ने बताया था कि शोले बनाने के लिए उनके पास बजट नहीं था. उन्होंने अपने पिता जीपी सिप्पी से मदद ली. उस समय यह फिल्म 3 करोड़ में बनी. स्टारकास्ट पर 20 लाख रुपये खर्च हुए थे.
3.फिल्म में सबसे मशहूर रोल गब्बर सिंह का किरदार सबसे पहले डैनी डेन्जोंगपा को मिला था, लेकिन तारीख नहीं मिल पाने की वजह से अमजद खान को कास्ट किया गया.
4. यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज की गई. यह उस समय ऐसी पहली फिल्म थी जो 100 दिनों तक सिल्वर स्क्रीन पर बनी रही. 5. फिल्म का नाम पहले ‘मेजर साहब’ या ‘एक दो तीन’ रखने की बात हुई थी, लेकिन जब फिल्म बनी तो इसका नाम ‘शोले’ रखा गया.
6. गब्बर सिंह नाम का एक डकैत था, जिसकी हरकतों को इस करेक्टर में अमजद खान ने बखूबी उतारा था.
7. चर्चा यह भी रही कि ठाकुर का रोल धर्मेंद्र करना चाहते थे. उस समय वह हेमा के प्यार में थे. सिप्पी ने धर्मेंद्र को यह कहकर मनाया कि वीरू का रोल निभाते हुए आप हेमा के साथ ज्यादा दिखेंगे. यदि ठाकुर बनोगे तो संजीव को वीरू का रोल दे दूंगा. उस समय संजीव भी हेमा के प्यार में थे. धर्मेंद्र कभी नहीं चाहते थे कि संजीव कुमार स्क्रीन पर हेमा के साथ रोमांस करते दिखे.
8. संजीव कुमार गब्बर बनना चाहते थे. लेकिन फिल्म लिखने वाली सलीम-जावेद की जोड़ी को लगा कि उनकी पिछली फिल्मों के चलते जनता को उनसे नफरत नहीं हो पाएगी. वह चाहते थे कि गब्बर का किरदार इतना स्ट्रॉन्ग हो कि लोग उससे घृणा करें.
9. रमेश सिप्पी चाहते थे कि जय का किरदार शत्रुघ्न सिन्हा निभाएं, लेकिन बड़ी स्टारकास्ट के चलते शत्रुघ्न ने मना कर दिया. उस समय अमिताभ बच्चन इतने चर्चित स्टार नहीं थे, हालांकि सलीम-जावेद ‘जंजीर” में उनके काम से संतुष्ट हो गए थे तो उन्होंने रमेश सिप्पी से अमिताभ के नाम की सिफारिश कर दी थी.
10. इस फिल्म को समीक्षकों ने निगेटिव प्रतिक्रियाएं मिलीं थीं. बुझे हुए शोले, एक गंभीर दोषपूर्ण प्रयास, नकली वेस्टर्न फिल्म तक कहा गया. लिखने वालों ने इसकी सफलता देख बाद में जरूर सोचा होगा कि हमने क्या लिख दिया था.
Bureau Report
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