नईदिल्ली: जवाहलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में छात्र संघ अध्यक्षआइशी घोषऔर अन्य 19 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इन पर जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों पर कथित रूप से हमला करने और चार जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ का आरोप है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के बाद अब एक के बाद एक मामले की परतें खुल रही हैं. सूत्रों के मुताबिक जेएनयू में एबीवीपी और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच पिछले 2-3 दिनों से तनाव चल रहा था. लेकिन जब लेफ्ट विंग के छात्रों ने रजिस्ट्रेशन के सर्वर को डैमेज किया तो तनाव और ज्यादा बढ़ गया. उसके बाद छात्रों के बीच झगड़ा हुआ. पेरियार होस्टल पर कल करीब 4 बजे के बाद मामला बढ़ता चला गया. अंदर करीब 10 पुलिसकर्मी सादा वर्दी में थे. उनके साथ भी हाथापाई हुई. इसकी पीसीआर कॉल भी हुई थी.
कोड वर्ड के जरिये हिंसा की साजिश
सूत्रों के मुताबिक उसके बाद कुछ वॉट्स एप ग्रुप बनाये गए और बदला लेने की प्लॉनिंग हुई. फिर बाहर से नकाबपोश लोग आए. उनको कोड वर्ड दिया गया जिसके जरिये हमलवार अपने लोगों की पहचान कर पाएं और उन्हें न पीटें. करीब 6 बजे लाठी डंडों से लैस नकाबपोश भीड़ ने हमला कर दिया उस समय अंधेरा था इसलिए कौन ‘राइट’ और कौन ‘लेफ्ट’ वाला है उसकी पहचान करना मुश्किल था. इसलिए कोड वर्ड के जरिये हमलावरों ने किसे मारना है, किसे नहीं मारना है उसे पहचाना.
7 बजे के आसपास वीसी की परमीशन लेकर पुलिस अंदर गई. लेकिन तब तक हमलवार भाग गए थे. हमलावरों में कुछ जेनएयू के छात्र भी शामिल बताए जाते हैं. ज्यादातर बाहरी हैं. जहां हिंसा हुई वहां कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. कुछ हमलावरों की पहचान हो गई है.