उत्तरप्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू करने की घोषणा सोमवार को कर दी. सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगाई गई. इसके तहत अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर की तैनाती की जाएगी. एडीजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्य करेगा. उनके साथ दो ज्वॉइंट कमिश्नर भी तैनात होंगे, जो आईजी स्तर के होंगे.
इसके साथ ही अब महिला अपराधों पर रोकथाम के लिए दोनों जगहों पर एक-एक महिला पुलिस अधीक्षक की तैनाती होगी. यातायात के लिए भी अलग पुलिस अधीक्षक होगा. वहीं, नोएडा में दो नए पुलिस थाने बनाए जाएंगे. लखनऊ के 40 पुलिस थाने आयुक्त के तहत होंगे.
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से क्या होगा..
-पुलिस को पर्याप्त अधिकार के साथ पर्याप्त जवाबदेही वाला कानून लागू.
-अब दंगाइयों, उपद्रवियों के बुरे दिन, बल प्रयोग के लिए पुलिस को नहीं करना पड़ेगा मजिस्ट्रेट का इंतजार.
-अब जो दंगा करेगा, उपद्रव करेगा, आमजन और पुलिस पर हमला करेगा, सार्वजनिक संपत्तियों को बर्बाद करेगा, उससे सीधे निपटेगी पुलिस.
-पुलिस में भी लागू होगा सिंगल विंडो सिस्टम.
-अब गुडों, माफियाओं, सफेदपोशों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेटों के कार्यालयों में नहीं भटकना पड़ेगा.
-पुलिस को खुद होगा गुंडों, माफियाओं और सफेदपोशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई का पूरा अधिकार.
-अपराधियों, माफियाओं और सफेदपोशों के असलहों के लाइसेंस कैंसिल करने के लिए भी पुलिस के पास हुए सीधे अधिकार.
-151 और 107, 116 जैसी धाराओं में पुलिस को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजने का होगा अधिकार.
-आमजन के हित के फैसलों में नौकरशाही का मकड़जाल खत्म.
-कमिश्नर सिस्टम से बढ़ेगी पुलिस की जवाबदेही.
-थाने स्तर पर आम लोगों की सुनवाई और बेहतर होगी.
-पुलिस की गड़बड़ी पर होगा अंकुश.
पहले भी चंद समय के लिए लागू हुआ था कमिश्नरी सिस्टम
-तीसरे पुलिस कमिश्नर, धर्मवीर कमिशन की सिफारिश के बाद पूर्व सीएम राम नरेश यादव ने यूपी में कमिश्नर सिस्टम लागू किया था
-वासुदेव पंजानी को बनाया था कानपुर का पुलिस कमिश्नर, लेकिन उनके काम शुरू करने से पहले ही वापस ले लिया गया कमिश्नर सिस्टम का फैसला.
-इसके बाद यूपी में कभी लागू नहीं हो पाया कमिश्नर सिस्टम.
-इसी के बाद प्रदेश की नौकरशाही ने मान लिया था कि यूपी में कोई भी सरकार नहीं ले पाएगी ये क्रांतिकारी फैसला. पर सीएम योगी ने तोड़ा मिथक.
15 राज्यों के 71 शहरों में है ये सिस्टम लागू
देश के 15 राज्यों के 71 शहरों जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, राजकोट, बड़ौदा, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम आदि शामिल हैं, वहां ये सिस्टम लागू है और बेहतर कार्य कर रहा है.
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