पटना: देश के जाने माने सियासी रणनीतिकार और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आज पटना पहुंचे. प्रशांत किशोर जेडीयू से निष्काषित होने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया.
प्रशांत किशोर की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए भी अहम क्योंकि सभी दलों की नजर इस पर ही है कि जेडीयू से निकाले जाने के बाद उनकी आगे की रणनीति क्या होगी. प्रशांत किशोर ने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने अपने और नीतीश कुमार के साथ संबंधों पर भी चर्चा की.
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका और नीतीश कुमार का संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार से पहली बार नंवंबर 2014 में मिले थे और तब से उन्होंने अपने बेटे की तरह मुझे रखा. जब मैं दल में था तब भी और नहीं था तब भी. और कई मायनों में वो मेरे लिए पिता तुल्य मानता हूं. उन्होंने मुझे पार्टी में रखने का या निकालने का जो भी फैसला लिया है मैं उसे स्वीकार करता हूं.
प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वो किसी के साथ नहीं जाएंगे. उन्होंने घोषणा की है कि वो बिहार में ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि मैं बिहार में ऐसे यंग लोगों की टीम बनाना चाहता हूं, उन्हें जोड़ना चाहता हूं जो राजनीति के सपने को जीना चाहते हैं. बिहार के लिए कुछ करना चाहते हैं. जो किसी परिस्थितिवश ये नहीं कर पा रहे हैं मैं उन्हें शक्ति देना चाहता हूं ताकि अच्छे मुखिया जीतकर आएं.10 साल आगे की प्लानिंग
उन्होंने साफ-साफ कहा कि वो 20 तारीख से ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इसके तहत प्रशांत किशोर 8800 पंचायत में से एक हजार लोगों को चुनेंगे जो समझते हैं कि बिहार को देश के टॉप 10 राज्यों में बिहार शामिल होना चाहिए. अगर बिहार को 22वें से 10वें नंबर पर पहुंचना है तो प्रतिव्यक्ति आय आठ गुणी बढ़नी चाहिए. बिहार वही चलाएगा जिसके पास इसका ब्लूप्रिंट है. किसी को हराना जीताना लक्ष्य नहीं है. उनके साथ रहकर भी यही कर रहे थे.
2 लाख 93 हजार लड़के जुड़े पीके के साथ
प्रशांत किशोर ने साथ ही कहा कि वो वेबसाइट का लिंक जारी करेंगे. इसमें साफ पता चलेगा कि पीके की अभियान में 2 लाख 93 हजार लोग जुड़े हैं. 30 मार्च तक 10 लाख लड़के इसपर रजिस्टर करेंगे.
किसी पार्टी से नहीं जुड़ुंगा
प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा है कि वो किसी भी पार्टी के साथ प्रचार करने के लिए प्लानिंग करने के लिए नहीं जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि मैं ना किसी राजनीतिक पार्टी की घोषणा करूंगा और ना ही किसी गठबंधन के साथ जुड़ूंगा. मेरा सिर्फ अगले 100 दिन में इस कार्यक्रम को लॉन्च करना है. हर पंचायत और गांव में जाकर लोगों को बताना समझाना और जागृत करना चाहता हूं कि वो बिहार को अगले 10 साल में देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल करने के मुहिम में अगर आपका विश्वास है तो आइए जुड़िए और उसके बाद पार्टी बनेगी, मोर्चा बनेगा या प्लेटफॉर्म बनेगा मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है. अगर नीतीश कुमार या सुशील मोदी उसको लीड करना चाहते हैं तो मैं उनका भी स्वागत करता हूं.
Bureau Report
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