नईदिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मुस्लिम बहुल इलाके में रहने वाली एक युवा हिंदू महिला का परिवार अपनी शादी को रद्द करने के लिए मजबूर हो गया.
सावित्री प्रसाद बताती हैं कि हाथों में महेंदी लगाकर और शादी की जोड़ा पहनकर 25 फरवरी की रात वो घर में रो रही थीं क्योंकि उस दिन शहर में हिंसा भड़की हुई थी. वो दिन उनकी शादी का दिन था. उनकी शादी थी, लेकिन शहर में हिंसा भड़की हुई थी. हिंसा को देखते हुए सावित्री के पिता ने शादी को अगले दिन 26 फरवरी को करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम उनका परिवार हैं और उनकी उपस्थिति से उन्हें सुकुन मिला है.
सावित्री बताती हैं कि ‘मेरे मुस्लिम भाई आज मेरी रक्षा कर रहे हैं’. शादी के सारे रीति रिवाज सावित्री के घर पर हुए, जो चांद बाग जिले में एक संकरी गली में बने मकान में रहती है. वे बताती हैं कि घर से कुछ कदम दूर मैन रोड युद्ध क्षेत्र की तरह दिखाई दे रही थी. कारों और दुकानों में आगजनी की जा रही थी.
दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं घायलों की संख्या सैकड़ो में हैं. सावित्री प्रसाद के पिता भोदय प्रसाद बताते हैं कि हिंसा वाले दिन 24 और 25 फरवरी को चारों तरफ सिर्फ धुंआ ही धुंआ दिखाई दे रहा था. वे बताते हैं कि वो एक भयानक मंजर था. हम सिर्फ शांति चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि “हम नहीं जानते कि हिंसा के पीछे कौन लोग हैं, लेकिन वे मेरे पड़ोसी नहीं हैं. यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई दुश्मनी नहीं है”.
सोमवार की शाम, जिस दिन सावित्री प्रसाद को शादी से पहले की रस्म में हाथों पर मेहंदी लगानी थी. लेकिन हिंसा पहले ही नियंत्रण से बाहर हो गई थी. हर तरफ हंगामें की आवाज सुनी जा सकती थी. लेकिन सावित्री ने मेहंदी लगाई थी, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि अगले दिन हालात बेहतर होंगे.
दूल्हे के पहुंचते ही मुस्लिम पड़ोसी आशीर्वाद देने के लिए इकट्ठा हुए और शादी की रस्में हुईं, जिसमें एक हिंदू पुजारी ने पवित्र छंदों का पाठ किया और दूल्हा और दुल्हन घर के अंदर स्थापित अग्नि के फेरे लिए.
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