लखनऊ: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में भड़की हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. पुलिस को जुमे की नमाज के बाद माहौल खराब किए जाने की आशंका है. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मस्जिदो के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. दिल्ली में हुई हिंसा की चिंगारी उत्तर प्रदेश में न फैले इसे लेकर सभी संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है.
जुमे की नमाज को देखते हुए पुलिस अलर्ट पर
शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट मोड में है. डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने एडीजी, आइजी व डीआइजी स्तर के कई अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी से निर्देश मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने अपने कार्यक्षेत्र के संवेदनशील स्थानों पर कैंप के साथ ही फ्लैग मार्च कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पोस्ट पर पुलिस की कड़ी नजर
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है. आपत्तिजनक पोस्टों और वायरल संदेशों पर ध्यान रखा जा रहा है. ऐसे पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश भी पुलिस की साइबर सेल को दिया गया है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों ने बीते साल 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा और आगजनी हुई थी, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी.
कुल 22 से अधिक जिलों में हाई अलर्ट जारी है
एडीजी अविनाश चंद्र को अलीगढ़, एडीजी प्रशांत कुमार को मेरठ, आइजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी को गाजियाबाद, आइजी रमित शर्मा को संभल, आइजी ज्योति नारायण को बुलंदशहर और हापुड़, आइजी लक्ष्मी सिंह को मुजफ्फरनगर और डीआइजी जे. रविंद्र गौड को बिजनौर जिले की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
जहां पहले हिंसा हो चुकी है वहां विशेष सतर्कता
पुलिस अधिकारियो को उत्तर प्रदेश के उन स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है, जहां पहले भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं. गाजियाबाद, नोएडा, बागपत और बुलंदशहर के अलावा लखनऊ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, मऊ, कानपुर नगर, संभल, बरेली समेत 22 से अधिक जिलों में इंटेलीजेंस ब्यूरो भी सतर्क है.
Bureau Report
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