नईदिल्ली: भारत ने यूरोपीय संघ को कोविड -19 के प्रसार को फैलने से रोकने की अपनी पद्धति साझा की है, इसमें जनवरी 2020 से जारी सरकार की वृहद स्तर की प्रतिक्रिया शामिल है. एक खास बातचीत में भारत के यूरोपीय संघ की गायत्री इस्सर कुमार ने कहा कि मिशन ने बेल्जियम के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को आवास, चिकित्सा समेत अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए तेजी से संपर्क किया. साथ ही नई दिल्ली ने यह सुनिश्चित किया कि भारत से जरूरी चिकित्सा आपूर्ति EU में लगातार जारी रहें.
सीमाएं बंद करना चुनौतीपूर्ण रहा
अब यूरोपीय संघ की स्थिति कैसी है? इस बारे में कुमार ने कहा, यूरोपीय संघ एक तरह से अधिक प्रभावित हुआ है, क्योंकि वायरस सीधे यूरोप में फैल गया और बहुत तेजी से फैल रहा है. वायरस पहले इटली में फैला, उसके बाद स्पेन, बेल्जियम, जर्मनी और अन्य यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों में फैला.
एक रिपोर्ट के अनुसार आज यूरोपीय संघ की चिंताजनक स्थिति में कुछ सुधार हो रहा है. अपनी सीमाओं को बंद करना, लॉकडाउन लागू करना और रोकथाम के उपाय करना, यूरोपीय संघ के नागरिकों और सरकारों के लिए चुनौतीपूर्ण रहे लेकिन वे उनमें सफल साबित हुए हैं. यूरोपीय संघ के नेतृत्व ने तेजी से “ग्रीन लेन” बनाकर यूरोपीय संघ की आंतरिक सीमाओं के माध्यम से जरूरी सामानों की आपूर्ति को बिना रूकावट जारी रखने के लिए कदम उठाए और इससे यूरोपीय संघ के सुपरमार्केटों में इनकी कमी नहीं होने दी.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरे अनुशासन से
उन्होंने कहा, हाईजीन और बाकी सावधानियों तो मानो लोगों के नए सामान्य व्यवहार में बस गए हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का काफी अनुशासन के साथ पालन किया जा रहा है. हम खुश हैं कि बड़े पैमाने पर बेल्जियम में भारतीय समुदाय को सुरक्षित और अच्छे से रखने में कामयाब हुए.
भारत -EU ने अच्छे समन्वय से काम किया
इस महामारी के संकट के दौरान भारत और यूरोपीय संघ ने कैसे एक-दूसरे को सहयोग किया, इस बारे में भारतीय दूत गायत्री इस्सर कुमार ने कहा कि हम निकटता से परामर्श करते रहे हैं. हमने 13 मार्च 2020 को होने वाले भारत-यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन को स्थगित किया. भारत में लॉकडाउन की घोषणा होते ही हमने भारत से यूरोपीय संघ के लिए जरूरी चिकित्सा सामग्री और यूरोपीय नागरिकों को उनके देशों में भेजने के लिए समन्वय किया. भारत के विभिन्न राज्यों में यूरोपीय संघ के लगभग 20,000 नागरिकों को उनके सदस्य राज्यों तक पहुंचने में सहायता की. हमारी सरकार ने इटली और हेग में फंसे भारतीय नागरिकों को अमेरिका / कनाडा के रास्ते से निकाला.
हमारे नेता लगातार एक-दूसरे से संपर्क में हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने को लेकर संयुक्त्त प्रयास के लिए भी चर्चा कर रहे हैं.
Bureau Report
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