नईदिल्ली: भारत बुधवार को उन देशों में शामिल हो गया है, जहां दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल इस्तेमाल किया जाता है. देश की तेल कंपनियों ने बुधवार से बिना मूल्य वृद्धि और सेवाओं में किसी तरह की रुकावट के बिना ही यूरो- छह मानक पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति शुरू कर दी है.
इस उच्च श्रेणी के ईंधन की आपूर्ति शुरू होने से देश में विशेषकर महानगरों में वाहनों के प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी.
देश में अब भारत स्टेज-चार ग्रेड के ईंधन के स्थान पर सीधे भारत स्टेज- छह ग्रेड का ईंधन उपलब्ध होगा. यह यूरो छह ग्रेड के ईंधन के समान है. इससे दाम में एक रुपए लीटर की वृद्धि होनी चाहिए थी, लेकिन तेल कंपनियों ने बिना मूल्य बढ़ाए यह स्वच्छ ईंधन देना शुरू किया है. मूल्य वृद्धि को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 17 साल के निचले स्तर तक पहुंचे हैं उसमें समायोजित किया जाएगा.
पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा, आज हम शत प्रतिशत बीएस- छह पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति कर रहे हैं. देश में अपने सभी 68,700 पेट्रोल पंपों पर आज से स्वच्छ ईंधन की बिक्री की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण ईंधन के खुदरा मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के खुदरा मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया है. पहले उन्होंने सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में की गई 3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि को समायोजित किया और अब कंपनियां बीएस- छह ईंधन की बढ़ी कीमत को समायोजित कर रही हैं. देश में पेट्रोल, डीजल के दाम में आखिरी बार 16 मार्च को बदलाव किया गया. दिल्ली में तब से एक लीटर पेट्रोल का दाम 69.59 रुपए और डीजल का दाम 62.29 रुपए प्रति लीटर है.
सिंह ने कहा कि बीएस- चार से सीधे बीएस- छह मानक में जाने का काम मात्र तीन साल में कर लिया गया. दुनिया की किसी भी बड़ी अर्थव्यव्यवस्था में ऐसा नहीं देखा गया. भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिकारियों ने भी कहा कि कंपनी ने बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी है.
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम के सुराणा ने कहा कि कंपनी की रिफाइनरियों ने जनवरी में ही नए ग्रेड के ईंधन का उत्पादन शुरू कर दिया था. उसके बाद से कंपनी के पेट्रोल पंपों पर नया ईंधन बिकना शुरू हो गया है.
सिंह ने कहा कि ईंधन में सल्फर की मात्रा कम होने से हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) उत्सर्जन कम होगा. इससे डीजल के पुराने वाहनों से भी प्रदूषण कम फैलेगा.
Bureau Report
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