बीजिंग: चीन ने देश में कोरोना वायरस का संकट फिर लौटने की चिंताओं के बीच कोविड-19 महामारी के ठीक हुए मरीजों की फिर से जांच करने और बिना लक्षण वाले मामलों को लेकर निगरानी तेज करने का गुरुवार को आदेश दिया. वुहान में 76 दिन से चला आ रहा लॉकडाउन हटने के एक दिन बाद ही इस कदम की घोषणा की गई है. वुहान से ही इस महामारी की शुरुआत हुई थी.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने गुरुवार को कोरोना वायरस के 63 नए मामलों की पुष्टि की जिनमें 61 मामले बाहर से आए लोगों से संबंधित हैं. देश में महामारी से दो और लोगों की मौत के साथ ही मरनेवालों की संख्या 3,335 हो गई. चीन में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 81,865 हो गई है.
कोरोना वायरस संकट से लगभग तीन महीने तक जूझने के बाद चीन में अब हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. कारखाने और कारोबारी प्रतिष्ठान फिर शुरू हो रहे हैं. हालांकि, नए मामलों में धीरे-धीरे हो रही वृद्धि से चिंता एक बार फिर गहराने लगी है. इनमें से अनेक मामले विदेश से लौट रहे चीनी नागरिकों से जुड़े हैं.
महामारी के केंद्र रहे वुहान से 76 दिन पुराना लॉकडाउन बुधवार को हटने के बाद हजारों लोगों ने सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यात्रा शुरू कर दी. चीन ने ठीक हुए रोगियों को आइसोलेट रखने को लेकर गुरुवार को नया परीक्षण प्रोटोकॉल जारी किया. जिसमें डॉक्टरों को उन मरीजों का दोबारा जांच, दोबारा रोग निदान करने और स्वास्थ्य निगरानी शामिल है. चीन में बुधवार तक 77,370 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल गई. इनमें से अधिकतर लोग वुहान शहर और हुबेई प्रांत के हैं जहां वायरस ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड-19 के ठीक हुए रोगियों को चिकित्सा निगरानी के लिए या तो घर में या एकांतवास केंद्र में 14 दिन तक आइसोलेट रहना होगा.
वहीं, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने भी आह्वान किया है कि निगरानी तेज की जाए और बिना लक्षण वाले मामलों की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की जाए. एनएचसी ने कहा कि बुधवार तक देश में कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों की संख्या 1,104 हो गई जिनमें 34 मामले विदेश से लौटे लोगों से संबंधित हैं. इन लोगों को चिकित्सा निगरानी में रखा गया है.
Bureau Report
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