जयपुर: उपभोक्ताओं के मोबाइल पर पहुंचे बिजली बिल एसएमएस से गफलत है. सरकार ने केवल 150 औसत यूनिट उपभोग करने वालों को ही राहत दी है, इससे कॉल सेंटर पर शिकायतों का अंबार है.
कोरोना संक्रमण की आशंकाओं के बीच बिजली विभाग ने 2 महीनों के बिजली बिल स्थगित कर दिए थे. इनमें 150 यूनिट से कम उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को मई में बिल जमा कराने की राहत दी गई. इसके साथ ही औद्योगिक इकाइयों और कमर्शियल प्लेस के स्थाई शुल्क को भी डेफर किया गया था.
डिस्कॉम्स 150 यूनिट से अधिक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को औसत उपभोग के आधार पर बिजली के बिल भेज रहा है. उन्हें एसएमएस कर ऑनलाइन बिजली बिल जमा कराने के लिए कहा जा रहा है. साथ ही जो बड़े बकायेदार हैं, उन्हें बिजली विभाग के अधिकारी फोन करके बिजली बिल जमा कराने की बात कह रहे हैं. उपभोक्ताओं से बिजली की मीटर रीडिंग चालू होने के बाद वास्तविक बिल राशि ली जाएगी.
दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान सरकार बेहद सजगता दिखा रही है. गहलोत सरकार ने सबसे पहले पूरे में लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी थी. सीएम खुद लगातार सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. राजस्थान में केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को ही अनुमति मिलेगी. स्टेट हाईवे से जुड़े सभी टोल हो बंदकर दिए गए हैं.
लॉकडाउन का मतलब होता तालाबंदी यानी किसी व्यक्ति या जगह को बंद कर दिया जाता है. विशेष हालातों में लॉकडाउन लगाया जाता है. इसमे लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है. यह कुछ-कुछ कर्फ्यू जैसे ही होता है. बस फर्क यह है कि लॉकडाउन किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू किया जाता है. एक तरह का सुरक्षात्मक उपाय है. कर्फ्यू की तरह ही लॉकडाउन में भी लोगों को घर से निकलने की अनुमति नहीं होती है. बहुत जरूरी काम जैसे दवा, खाने-पीने का सामान के लिए ही घर से बाहर जा सकते हैं.
Bureau Report
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