भोपाल: कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री और अधिकारियों के भरोसे चल रहे मध्य प्रदेश में आज शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश में 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया. इसके बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तुलसी राम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, कमल पटेल और मीना सिंह गज ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. मीना सिंह मानपुर सीट से विधायक हैं.
आपको बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजभवन की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई थी. शिवराज चौहान के मंत्रिमंडल में भाजपा के वरिष्ठ और कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा को शामिल किया गया है. भाजपा सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके कमल पटेल ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले ली है. कमलनाथ सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. मीना सिंह को पहली बार मंत्री बनाया गया है.
मंत्रिमंडल छोटा लेकिन समाज और अंचल को साधने की कोशिश
मध्य प्रदेश की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि इस छोटे मंत्रिमंडल के जरिए समाज और अंचल को साधने की कोशिश की गई है. सिंधिया खेमे से आने वाले गोविंद सिंह राजपूत के जरिए बुंदेलखंड और ठाकुरों को साधने का प्रयास है. जबकि कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा से ग्वालियर-चंबल और ब्राह्मण वर्ग को साधने की. नर्मदापुरम से कमल पटेल OBC चेहरा हैं और मालवा से कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रहे तुलसी सिलावट SC वर्ग का चेहरा. विंध्य क्षेत्र से अनुसूचित जनजाति वर्ग की मीना सिंह को मंत्री बनाया गया है.
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक अकेले सरकार चला रहे थे. ऐसे में एमपी में बिना मंत्रिमंडल की चल रही सरकार को लेकर विपक्ष भी हमलावर था. यहां तक कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी कर डाली थी.
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