कोटा: लॉकडाउन के बीच देश की एजुकेशन सिटी कोटा के हज़ारों कोचिंग छात्रों लिए शुक्रवार का दिन राहत लेकर आया. हज़ारों छात्र घर जाना चाहते थे लेकिन सब कुछ बंद था. लॉकडाउन के चलते घर वालों की चिंता हर दिन बढ़ रही थी. यूपी सरकार ने बड़ा फ़ैसला किया और क़रीब 250 बसें कोटा भेजीं, जिसके ज़रिए यूपी के क़रीब 8000 स्टूडेंट वापस भेजे गए हैं.
लॉकडाउन के बीच होम आइसोलेशन का बेहतर उदाहरण पेश कर रहे हज़ारों कोचिंग छात्रों की परेशानी लॉकडाउन बढ़ने के साथ बढ़ने लगी. इधर स्टूडेंट्स परेशान तो उधर उसका पूरा परिवार परेशान. स्टूडेंट्स सोचते कि आख़िर घर जाएं तो कैसे?
कोचिंग छात्रों ने पीएम को घर वापसी को लेकर हज़ारों ट्वीट किए. राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री तक भी अपनी परेशानी का पहुंचाया. इसके बाद प्रयास शुरू हुए और रंग लाए. आख़िरकार इस पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया और कोटा के हॉस्टलों में फंसे इन छात्र-छात्राओं को उनके होमटाउन ले जाने के लिए यूपी से क़रीब 250 बसें कोटा भेजीं और अब स्क्रीनिंग के बाद इन छात्रों को बसों में बिठा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा जा रहा है.
यूपी सरकार ने सबसे पहले भेजीं 250 बसें
करीब 7500 विद्यार्थियों को लाने के लिए यूपी सरकार की तरफ से 250 बसें भेजी गई हैं. कुल 60 सीट वाली बस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना में एक सीट पर एक ही छात्र या छात्रा को बिठाया गया है. हर बस से क़रीब 30 स्टूडेंट्स को भेजा गया है. निश्चित ही इनके लिए ये ख़ुशी का पल था. इनकी ही नहीं, इनके परिवार की परेशानी उनकी बेचैनी को दूर करने वाला पल था.
बता दें कि कोटा से लगातार कोचिंग संस्थान भी कोशिश कर रहे थे कि छात्रों को घर भेजा जाए क्योंकि लॉकडाउन में घर से दूर छात्रों का मनोबल कहीं न कहीं टूट रहा था. ऐसे में इस फ़ैसले की ज़रूरत भी थी, जो सबसे पहले यूपी सरकार ने लिया. अब मध्यप्रदेश ओर छत्तीसगढ़ भी इस पर विचार कर अपने राज्य के छात्रों की घर वापिस पर विचार कर रहे है. कोटा में फ़िलहाल क़रीब 30,000 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के लगभग 7500, बिहार के करीब 6500, मध्य प्रदेश के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 स्टूडेंट्स के साथ कई अन्य क्षेत्रों के स्टूडेंट्स शामिल हैं.
छात्र-छात्राओं को मिला सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का निर्देश
डीआईजी रविदत्त गौड़ ने बसों के कोटा शहर में बनाए गए तीनों पार्किंग स्थलों और सभी 6 डिपॉर्चर प्लाइंट्स का दौरा किया और बसों में सवार हो रहे छात्र-छात्राओं से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने के निर्देश दिए.
ये पल इन हज़ारों छात्रों के लिए खास रहा. इनके परिवार की बेचैनी को दूर करने वाला रहा. अब उम्मीद की जा सकती है कि जल्द और राज्य भी इस पर फ़ैसला लेकर उनके राज्यों के छात्रों की घर वापसी तय करेंगे, जिससे उन हज़ारों स्टूडेंट्स और उनके अभिभावको को बड़ी राहत मिल सके.
Bureau Report
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