नईदिल्ली: कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण देश में जारी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने को लेकर सबकी नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हैं. क्या पीएम मोदी 14 अप्रैल को एक बार फिर देश को संबोधित करके इसे बढ़ाने का ऐलान करेंगे या उसके पहले ही इस बारे में कोई फैसला सरकार की तरफ से आ जाएगा? पीएम मोदी की आज मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत भी होने वाली है. यह बातचीत बहुत महत्वपूर्ण है.
जानकारी के अनुसार, एक तरफ सोच है कि जब देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या कम थी, तब 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया गया. आज तो ये संख्या 6700 के पार पहुंच गई है. तब क्या लॉकडाउन में किसी तरह की छूट दी जानी चाहिए? पिछले एक सप्ताह से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में इस लॉकडाउन को कम से कम 14 दिन के लिए और बढ़ा देना चाहिए. कई राज्य सरकारें भी इस बात का समर्थन कर रही हैं. ओडिशा ने तो अपनी तरफ से राज्य में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा भी दिया है. पंजाब में भी सरकार ने लॉकडाउन/कर्फ्यू 1 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. उम्मीद है कि अन्य राज्य सरकारें भी इसी नक्शे कदम पर चलेंगी.
दूसरी सोच के अनुसार, आंकड़े बता रहे हैं कि देश की लगभग 400 जिले कोरोना से अछूते हैं. उसी तरह, उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में कोरोना के मामले नहीं हैं. हैं भी, तो न के बराबर. ऐसे में उन राज्यों या उन जिलों में, आंतरिक तौर पर लॉकडाउन क्या हटा नहीं देना चाहिए?
तबलीगी जमात की लापरवाही पड़ी भारी
सूत्रों की मानें, अभी तक की ग्राउंड रिपोर्ट में सरकार ,लॉकडाउन के कारण कोरोना वायरस से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के पहले फेज में, कामयाब रही थी लेकिन तबलीगी जमात की लापरवाही भारी पड़ी. जमात ने 20 से ज्यादा राज्यों में कोरोना को लेकर सरकार की चुनौतियां बढ़ा दी हैं. जमात में हिस्सा लेने वाले लोगों को को ढूंढने और उनको अलग-थलग करने की कोशिश युद्धस्तर पर जारी है. इसमें बहुत हद तक सफलता मिली है लेकिन जमात के कई लोग अभी भी लापता हैं. उनको ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार की चिंता है कि अगर इन पर पूरी तरह लगाम नहीं लगा तो संकट और बढ़ सकता है.
इन सब स्थितियों को देखते हुए, सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है अगर 21 दिन बाद 15 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त किया जाता है तो लोगों को कैसे नियंत्रित किया जाएगा? कहीं लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग एकाएक घरों से बाहर सड़कों पर आ ना जाएं.
पीएम मोदी ने भी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में कहा था कि आप सभी अपने प्रदेशों में लाकडाउन कैसे हटाया जाए, इस पर अपने-अपने राज्यों की स्थिति के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके भेजें. सूत्रों की मानें तो राज्यों द्वारा भेजीं गई रिपोर्ट्स, विशेषज्ञों की रिपोर्ट्स, कई GoM की फाइंडिंग और केंद्रीय मंत्रियों के जिलों के डीएम और एसएसपी के साथ बातचीत के फीडबैक के आधार पर केंद्र सरकार लॉकडाउन के बारे में फैसला करेगी.
ये भी तय माना जा रहा है कि सभी राज्यों में कोरोना वायरस के जो हॉटस्पॉट हैं, जिन्हें सील किया गया है, उन्हें लॉकडाउन में ही रखा जा सकता है. इसके अलावा देश में जहां-जहां भी भविष्य में लॉकडाउन हटाया जाएगा, वहां आगे भी हालात पूरी तरह से संभालने तक धारा 144 लगाई जा सकती है.
कुछ पाबंदियां रहेंगी जारी!
सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी सभी अंतरराज्यीय परिवहन सिस्टम को एक साथ नहीं खोला जाएगा. स्कूल, सिनेमा हॉल, मैरिज हॉल जैसी जगहों पर पाबंदी आगे कुछ समय तक जारी रह सकती है. सूत्रों के अनुसार, रेल सेवा और हवाई सेवाओं को 30 अप्रैल तक बंद रखा जा सकता है. जैसे-जैसे हालात सुधरेंगे, उसके बाद सरकार एक-एक करके इन सेवाओं को शुरू करेगी.
जब भी लॉकडाउन हटेगा, सभी राज्य सरकारें अपने अपने राज्यों में, सरकारी संस्थानों और प्राइवट क्षेत्रो में काम करने वालों संस्थानों में रोस्टर ड्यूटी लगाने का आदेश दे सकती हैं. यानी संभावना इसकी ज्यादा है कि 21 दिन के लॉकडाउन को आगे भी कुछ दिन तक जारी रखा जा सकता है. इसके अलावा लॉकडाउन जब भी हटाया जाएगा, उसे सिलसिलेवार ढंग से हटाया जाएगा. पाबंदियों और बंदिशों के साथ ही हटाया जाएगा.
Bureau Report
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