नईदिल्ली: इस्लाम धर्म मानने वालों का पवित्र महीना रमजान खत्म होने के साथ ही ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा. इसके साथ ही 30 दिनों तक रखे जाने वाले रोजा खत्म हो जाएंगे. दुनियाभर में मुस्लिम इस त्योहार को पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाते हैं.
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान के बाद आने वाले दसवें महीने शव्वाल में ईद-उल-फितर पहला और इकलौता दिन होता है जिसमें मुस्लिमों को व्रत रखने की इजाजत नहीं होती. ईद का दिन और तारीख अलग अलग टाइम जोन और चांद के दिखने के हिसाब से बदल सकती है.
हालांकि इस बार कोरोना वायरस के फैलने की वजह से इस त्योहार को मनाने का तरीका बदल सकता है. लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों में कैद होने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की वजह से लोग अपने परिवार के साथ घर में रहना ही मुनासिब समझेंगे. दुनियाभर में लोग घरों में रहते हुए एक दूसरे का आभार जता कर ही इस बार ये त्योहार मना सकते हैं.
शुक्रवार को सऊदी अरब में चांद नहीं दिखने के कारण खाड़ी देशों में अब रविवार 24 मई को ईद मनाई जाएगी.
भारत में ईद-उल-फितर का समय:
भारत में बहुत मुमकिन है कि शनिवार को चांद दिखने के बाद ईद मनाने की तारीख तय की जाएगी. अगर इस दिन चांद दिख गया तो रविवार 24 मई को ईद मनाई जाएगी. नहीं तो फिर सोमवार 25 मई को मनाई जाएगी.
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान नौवें महीने में होता है और मुस्लिम समुदाय में इसे काफी अहम माना जाता है. रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम 30 दिनों तक रोजा रखते हैं. इस्लामिक मान्यता है कि 610 ईसवी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद रमजान को इबादत का महीना घोषित किया गया था। तभी से मुसलमान पहली बार कुरान के उतरने की याद में रोजे रखते हैं।
कई मान्यताओं के मुताबिक, हर साल रोजे रखने की ये परंपरा इस्लाम के पांच मूल स्तंभों में से एक है. रमजान का मुबारक महीना करीब 29-30 दिन का होता है, जो अर्धचंद्र के दिखने पर निर्भर करता है.
रमजान शब्द अरबी भाषा के शब्द रमीदा और अर-रमद शब्द से मिलकर बना है. जिसका अर्थ होता है चिलचिलाती गर्मी या सूखापन. ऐसी मान्यता है कि इस्लाम का पवित्र ग्रंथ कुरान इसी महीने में लिखा गया था. इसीलिए, लोग अपनी आत्मा को पवित्र करने के लिए इस पूरे महीने रोजे रखते हैं और अल्लाह से क्षमा मांगते हैं.
Bureau Report
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