अब घर में ही खोजे जाएंगे कोरोना के मरीज, पंजाब में लॉन्च हुआ ‘घर-घर निगरानी’ ऐप

अब घर में ही खोजे जाएंगे कोरोना के मरीज, पंजाब में लॉन्च हुआ 'घर-घर निगरानी' ऐपचंडीगढ़: पंजाब सरकार ने शुक्रवार को COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसका उद्देश्य घर-घर निगरानी करना है. इस ऐप का नाम है ‘घर घर निगरानी’, जिसे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लॉन्च किया. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की इस पहल के बारे में बताया, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है, जिनकी मदद से कोरोना वायरस के बारे में शुरुआत में ही पता लग सकेगा. 

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अनुराग अग्रवाल ने कहा कि इस अभियान के तहत पंजाब के ग्रामीण और शहरी इलाकों के 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का सर्वेक्षण किया जाएगा, इसमें वो लोग भी शामिल होंगे जो 30 वर्ष से कम आयु के होंगे और जिन्हें एक साथ कई बीमारियां हैं या इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी हो.

अनुराग अग्रवाल ने ये भी कहा कि- सर्वे के पहले सप्ताह, व्यक्ति की पूरी मेडिकल कंडीशन के बारे में पता किया जाएगा. उसकी बीमारियों का पूरी विवरण लिया जाएगा. इससे राज्य को अपनी COVID रोकथाम रणनीति बनाने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण डेटाबेस विकसित करने में मदद मिलेगी. 

कोविड की स्वास्थ्य-सह-परीक्षण प्रभारी और विशेष सचिव ईशा कालिया के अनुसार, ये यूजर फ्रेंडली ऐप स्वास्थ्य विभाग ने खुद विकसित और डिज़ाइन किया. जिसका फील्ड टेस्ट  पटियाला और मनसा में किया गया.

अब तक करीब 20,628 लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 9,045 एसिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले लोग थे, जबकि 1,583 में खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस फूलना जैसे लक्षण पाए गए. ये सर्वे फिलहाल 518 गांवों और 47 शहरी वार्डों में चल रहा है.

सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 4.88 प्रतिशत को उच्च रक्तचाप, 2.23 प्रतिशत को मधुमेह, 0.14 प्रतिशत को गुर्दे की बीमारी, 0.64 प्रतिशत को हृदय रोग, 0.13 प्रतिशत को टीबी और 0.13 प्रतिशत को कैंसर होने का पता चला है.

आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वयंसेवकों को सर्वेक्षण में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के लिए 4 रुपये प्रति व्यक्ति के आधार पर प्रोत्साहन/मानदेय का भुगतान किया जाएगा और इसमें 500 घरों को कवर किया जाएगा.

एक सुपरवाइज़र आशा और सामुदायिक स्वयंसेवकों के काम की देखरेख करेगा, जिसके लिए उसे प्रति माह 5,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. 

Bureau Report

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