नईदिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम हर दिन मजबूत होती जा रही है, इस बात से तो शायद ही किसी विशेषज्ञ को इंकार होगा. लेकिन आंकड़े भी टीम इंडिया की इस श्रेष्ठता को पुख्ता करते हैं. जिस भारतीय क्रिकेट टीम ने 2010 के दशक तक 213 टेस्ट मैच में महज 34 बार विदेशी धरती पर फतेह हासिल की थी, उसी टीम इंडिया ने पिछले 10 साल में 57 टेस्ट मैच में 17 को जीतने में सफलता पाई है. लेकिन टीम इंडिया की श्रेष्ठता इसी रिकॉर्ड से पुख्ता नहीं हो रही है बल्कि उसके बेस्ट होने का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पिछले 9 साल में उसे कोई भी टीम टेस्ट मैच में फॉलोऑन के लिए कहने में सफल नहीं रही है.
आखिरी बार 2011 मे खेला था फॉलोऑन
टीम इंडिया को आखिरी बार किसी टेस्ट मैच में फॉलोऑन का सामना साल 2011 में करना पड़ा था, जब इंग्लैंड ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया को द ओवल टेस्ट मैच में फॉलोऑन कराकर पारी और 8 रन से हराया था. उस टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 6 विकेट पर 591 रन बनाए थे, जिसमें इयान बेल ने जोरदार 235 रन और केविन पीटरसन ने बेहतरीन 175 रन की पारी खेली थी.
इसके जवाब में भारतीय टीम के ‘द वॉल’ राहुल द्रविड़ के 146 रन के बावजूद 300 रन पर सिमट गई थी. फॉलोऑन पारी में टीम इंडिया का प्रदर्शन ओर ज्यादा खराब रहा था और वह 283 रन पर ही लुढ़ककर पारी से मैच हार गई थी. यह स्कोर भी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और नाइट वाचमैन बनकर आए लेग स्पिनर अमित मिश्रा के बीच चौथे विकेट के लिए 144 रन की जोरदार साझेदारी की बदौलत बन पाया था. सचिन ने 91 रन और मिश्रा ने 84 रन की पारी खेली थी.
87 टेस्ट बीते पर नहीं दे पाया कोई फॉलोऑन
2011 के इस ओवल टेस्ट के बाद से टीम इंडिया 87 टेस्ट मैच खेल चुकी है, लेकिन कोई भी टीम उसे फॉलोऑन नहीं करा पाई है. हालांकि इस दौरान 3 मौके ऐसे रहे. जब विपक्षी टीम उसे फॉलोऑन करा सकती थी, लेकिन टीम इंडिया की मजबूत बल्लेबाजी को देखते हुए इन मौकों पर भी विपक्षी कप्तान ने खुद ही बल्लेबाजी करना ज्यादा बेहतर समझा है. अन्य टीमों में इंग्लैंड का ही इस मामले में कुछ अच्छा प्रदर्शन रहा है, जिसने आखिरी फालोऑन 2015 में खेला था. बाकी सभी टीमों को 2017 से अब तक कभी न कभी फॉलोऑन का सामना करना पड़ा है.
3 बार फॉलोऑन कर जीते गए हैं टेस्ट मैच
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में महज 3 मौके ऐसे रहे हैं, जब किसी टीम ने फॉलोऑन खेलने के बावजूद टेस्ट मैच जीतने में सफलता हासिल की है. तीनों बार ऑस्ट्रेलिया को ही हार का सामना करना पड़ा है. इन तीन मौकों में से एक जीत टीम इंडिया के नाम पर भी दर्ज है, जब उसने 2001 में कोलकाता के इडेन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की जबरदस्त बल्लेबाजी के बाद हरभजन सिंह की रिकॉर्डतोड़ गेंदबाजी से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. अन्य दो मौकों पर इंग्लैंड ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन के बाद हराया है.
लक्ष्मण के नाम दर्ज है फॉलोऑन जीत का सबसे बड़ा स्कोर
किसी टेस्ट में टीम के फॉलोऑन करने के बाद सबसे बड़ा स्कोर बनाकर अपनी टीम को जिताने का रिकॉर्ड वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण के नाम है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट में 281 रन की पारी खेली थी. लक्ष्मण की ये पारी फॉलोऑन खेलते हुए दूसरा सबसे बड़ा स्कोर भी है. फॉलोऑन पारी के सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड पाकिस्तान के लिटिल मास्टर हनीफ मोहम्मद के नाम पर है.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 499 रन का दूसरा सर्वाधिक स्कोर अपने नाम रखने वाले हनीफ ने 17 जनवरी 1958 से शुरू हुए टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन में 970 मिनट में 337 रन की मैराथन फॉलोऑन पारी खेलकर मैच को ड्रॉ करा दिया था. यह उस समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी था, जिसे महज एक महीने बाद वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स ने पाकिस्तान के ही खिलाफ 26 फरवरी 1958 से किंग्सटन में खेले गए टेस्ट में नॉटआउट 365 रन बनाकर तोड़ दिया था.
फॉलोऑन पारी में दोहरे शतक से जीत का एक ही मौका
फॉलोऑन पारी में 200 या इससे ज्यादा रन बनाने के कारनामे महज 7 बार किए गए हैं, लेकिन इनमें वीवीएस लक्ष्मण की ही इकलौती ऐसी पारी रही है, जिसमें टीम को जीत मिली है. बाकी 6 मौके पर बल्लेबाज ने अपनी टीम के लिए टेस्ट ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की है. लक्ष्मण और हनीफ के अलावा केवल दक्षिण अफ्रीका के गैरी कस्टर्न ने ही फॉलोऑन में 250+ का स्कोर बनाया है. जिंबाब्वे के एंडी फ्लॉवर ने फॉलोऑन पारियों में सबसे ज्यादा 635 रन बनाए हैं. उन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट में नवंबर 2000 में नॉटआउट 232 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराया था, जबकि हरारे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सितंबर 2001 में नॉटआउन 199 रन की पारी खेली थी. हालांकि हरारे में फ्लॉवर की टीम हार गई थी और उनका ये स्कोर आज तक फॉलोऑन में मिली हार में सबसे बड़ी पारी है.
Bureau Report
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