नईदिल्ली: प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश सुनाते हुए मंगलवार को कहा कि जो मजदूर वापस जाना चाहते हैं, उन्हें 15 दिन में वापस भेजा जाए. कोर्ट ने और राज्यों से हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य 15 दिन में बचे हुए श्रमिकों को उनके गांवों तक भेजें. श्रमिक ट्रेन ज्यादा चलाई जाएं ताकि उनको यात्रा के लिए अप्लाई करने के 24 घंटे में ही ट्रेन मिल जाए.
कोर्ट ने कहा, “पलायन करने का मन बना चुके प्रवासी श्रमिकों को आज से 15 दिनों के अंदर अपने गांव या जहां वो जाना चाहें, भेजने का समुचित इंतजाम सुनिश्चित किया जाय. राज्य श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की स्कीम तैयार करें. इसके लिए पलायन कर गए सभी श्रमिकों की पहचान कर पूरी विस्तृत जानकारी वाला डाटा तैयार किया जाए. फिर उनको समुचित रोजगार देने की योजना बनाई जाए.”
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “सभी श्रमिकों की स्किल मैपिंग का इंतजाम हो. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक यह इंतजाम किया जाए. श्रमिकों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में दर्ज सारी शिकायतें और मुकदमे वापस/रद्द किए जाएं.”
Bureau Report
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